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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 9 May 2021 12:39 PM |   524 views

माई

डाॅ0 भोला प्रसाद आग्नेय
 
कुछ न कुछ काम करत रहे ले माई
निज हड्डी से लड़त रहे ले माई
हमरे जिनगी के ऊ परिभाषा है,
स्वर्णिम भविष्य खातिर अभिलाषा है,
 
बोझा कपारे पर पूरा घर के
लिहले दिन भर चलत रहे ले माई
एगो फलसफा ओकरे अंखियन में
भरल बा अमृत ओकरे शब्दन में
 
दुनिया से कतनो दर्द मिले ओके
 बाकिर बाहर हंसत रहे ले माई
ह‌उवे उहे व्याकरण अउर भाषा,
ताकि बन न जाईं हम कहीं तमाशा
 
सुंदर नीमन संस्कार देवे बदे
धीरे- धीरे गलत रहे ले माई
हम शूल भले बाकिर ऊ हरदम फूल
माफ करे मोर चाहे जेतना भूल
 
देखावे खातिर रस्ता हमरा के
दीया नीयर बरत रहे ले माई
ऊ लक्ष्मी दुर्गा सरस्वती काली
धन बल विद्या उमंग देवे वाली
 
हमके धरम करम संस्कृति सभ्यता
हरदमे समुझावत रहे ले माई
निज हड्डी से लड़त रहे ले माई
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