18 से 22 फ़रवरी तक होगी बुद्ध से कबीर यात्रा
गोरखपुर – बुद्ध , गुरु गोरखनाथ और कबीर पूर्वांचल के ऐसे प्रतीक हैं जिन्होंने सदियों पहले रुढियों और मान्यताओं के दलदल में जकड़े समाज को निजात दिलाने के लिए और सामजिक सौहार्द तथा आपसी प्रेम भावना बढाने के लिए एक क्रन्तिकारी मुहिम छेड़ी थी |जिनके विचारों के आधार पर ही हमारा समाज बहु सांस्कृतिक होते हुए भी एक दिखता है |उक्त बाते डॉ विनोद मल्ल एडीजीपी गुजरात (संस्था संरक्षक बुद्ध से कबीर तक ) ने होटल क्लार्क में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा |उन्होंने बताया कि 18 फ़रवरी से 22 फ़रवरी तक बुद्ध से कबीर तक यात्रा आयोजित की जा रही है |यह यात्रा 18 फ़रवरी को बुद्ध इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी से शुरू होकर 22 फ़रवरी को गोरखपुर विश्वविद्यालय स्थित दीक्षा भवन में संत आन्दोलन की सामजिक प्रासंगिकता बुद्ध ,कबीर और नाथ सम्प्रदाय का योगदान विषय पर सेमीनार के साथ प्रशस्ति तिवारी जी के बुद्ध और कबीर पर आधारित नृत्य प्रस्तुति के साथ यात्रा का समापन होगा |