8 अक्टूबर को 14 लाख महिलाओं को खिलाई जाएगी आयरन की लाल गोली

महिलाओं की सेहत से जुड़ा बड़ा कदम-
जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि गर्भवती और धात्री महिलाओं सहित सभी आयु वर्ग की महिलाओं को यह गोली उपलब्ध कराई जाएगी। एनीमिया महिलाओं की शक्ति और आने वाली पीढ़ियों की सेहत पर गहरा असर डालता है। आयरन की गोली से महिलाओं में खून की कमी दूर होगी, ऊर्जा और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी तथा परिवार सशक्त होगा।
हर स्तर पर होंगे सेवन कार्यक्रम–
एनिमिया मुक्त कानपुर अभियान के तहत जिले के सभी विद्यालयों, जहाँ टीकाकरण या स्वास्थ्य गतिविधियाँ चल रही हैं, सभी टैगिंग सत्र स्थल, ग्राम पंचायत भवन एवं वार्ड भवन, ब्लॉक मुख्यालय, खंड विकास कार्यालय, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, उपजिलाधिकारी कार्यालय, जिला स्तरीय कार्यालय तथा नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत कार्यालयों पर एक साथ सेवन कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे। जिन ग्राम पंचायतों और वार्डों में वीएचएसएनडी सत्र हो रहा है, वहाँ आयरन की गोली उसी मंच से खिलाई जाएगी, जबकि अन्य स्थानों पर विशेष शिविर लगाए जाएँगे।
कक्षा 1 से 5 तक की छात्राओं को खिलाई जाएगी पिंक गोली-
विद्यालयों में कक्षा 1 से कक्षा 5 तक की छात्राओं को पिंक गोली, कक्षा 6 से कक्षा 12 तक की किशोरियों को नीली गोली एवं 18 वर्ष से 49 वर्ष तक की सभी महिलाओं को लाल गोली का सेवन कराया जाएगा।
विभिन्न विभागों के समन्वय से होगा लक्ष्य हासिल-
अभियान की सफलता के लिए सभी विभागों को स्पष्ट लक्ष्य दिए गए हैं। बेसिक शिक्षा विभाग को 3 लाख, स्वास्थ्य विभाग को 2.45 लाख, जिला विद्यालय निरीक्षक को 2 लाख, पंचायती राज विभाग को 3 लाख, नगर निगम को 1.70 लाख, डूडा को 1.40 लाख, पुलिस विभाग को 20 हजार और आईसीडीएस विभाग को 25 हजार महिलाओं तक आयरन की गोली पहुँचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
आयरन की गोली है जरूरी-
जेएसआई की प्रोग्राम ऑफिसर हुदा ज़हरा ने कहा कि महिलाओं के अच्छे स्वास्थ्य से ही स्वस्थ पीढ़ी का निर्माण होता है। आयरन की यह गोली महिलाओं के जीवन में ऊर्जा और आत्मविश्वास भर देगी। यह केवल स्वास्थ्य का ही नहीं, बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण का भी अभियान है। उन्होंने बताया कि निर्धारित केंद्र पर महिलाओं को आयरन की दस गोली निःशुल्क दी जाएगी, जिसमें से एक गोली केंद्र पर ही खिलाई जाएगी। शेष गोली महिलाएं घर ले जा सकेंगी और प्रति सप्ताह एक गोली का सेवन करना होगा।
कहाँ मिलेगा लाभ-
लाभार्थी महिलाओं को आयरन की गोली जिले के सभी विद्यालयों, ग्राम पंचायत एवं वार्ड भवनों, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, नगर निगम और निकाय कार्यालयों, ब्लॉक मुख्यालयों और जिला स्तर के कार्यालयों पर निःशुल्क दी जाएगी।
निगरानी और अपील-
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे स्वयं भी गोली का सेवन करें और इस अभियान को जनांदोलन का रूप दें। ब्लॉक स्तर पर बीडीओ नोडल अधिकारी बनाए गए हैं और अभियान की सघन निगरानी होगी।
डीएम जितेन्द्र प्रताप सिंह ने जनपद की महिलाओं से अपील की कि वे 8 अक्टूबर को होने वाले इस विशेष अभियान में अवश्य भाग लें और निकटवर्ती केंद्रों पर जाकर निःशुल्क आयरन की गोली खाएँ। उन्होंने कहा कि यह केवल एक गोली नहीं, बल्कि आपके और आपके परिवार की सेहत की सुरक्षा है। आपकी सहभागिता ही ‘एनीमिया मुक्त कानपुर’ बनाने की दिशा में सबसे बड़ा योगदान होगी।
एनीमिया क्या है और इसके नुकसान-
एनीमिया शरीर में खून की कमी या हीमोग्लोबिन का स्तर घटने की स्थिति है। यह मुख्यतः आयरन और फोलिक एसिड की कमी से होता है। एनीमिया से महिलाओं में थकान, कमजोरी, चक्कर आना और गर्भावस्था के दौरान जटिलताएँ बढ़ जाती हैं। बच्चों में इसका असर जन्म के समय कम वज़न और मानसिक विकास में बाधा के रूप में दिखता है। आयरन की गोली नियमित अंतराल पर खाकर इसे आसानी से रोका जा सकता है।
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