Monday 22nd of September 2025 12:27:07 PM

Breaking News
  •  22 सितम्बर से लागू होंगी GST की नई दरें ,MRP देखकर ही करे खरीददारी |
  • उत्तराखंड सरकार आपदा प्रभावित धराली के सेब उत्पादकों से उपज खरीदेगी |
  • H-1 B पर खडगे के खोखले नारे बयान पर भड़के पूर्व विदेश सचिव ,किरन रिजिजू ने कांग्रेस को घेरा | 
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 4 Aug 2025 7:17 PM |   174 views

अगस्त माह के मुख्य खेती -बाड़ी कार्य

खेत में लगी फसलों के लिए अगस्त का महीना बहुत ही  महत्वपूर्ण होता है। वर्षा न होने पर फसलों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। लगातार ज्यादा वर्षा होने पर फसले गलने लगती है। ऐसी स्थिति में पानी निकालने की व्यवस्था होनी चाहिए। अगस्त के महीने में, किसानों को  खरीफ फसलों की देखभाल, खरपतवार नियंत्रण, और कीट-रोग प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
 
प्रो. रवि प्रकाश मौर्य निदेशक प्रसार्ड ट्रस्ट मल्हनी भाटपार रानी ने बताया कि इस समय रूक रूक कर लगातार बर्षा हो रही है।जो फसलों के लिए लाभदायक है। परन्तु लगातार बर्षा होने पर कीट एवं रोग पनपने लगते है। इसकी पहचान कर रोकथाम  करना चाहिए। नत्रजन की शेष मात्रा भी फसलों में आवश्यकता अनुसार टाप ड्रेसिंग करें।
 
 धान की रोपाई के 25-30 दिन बाद  अधिक उपज वाली प्रजातियों में 30 किग्रा नत्रजन ( 65 किग्रा यूरिया) , सुगंधित प्रजातियों में प्रति हेक्टेयर 15 किग्रा नत्रजन (33 किग्रा. यूरिया) की टाप ड्रेसिंग करें। नत्रजन की इतनी ही मात्रा की दूसरी ए्वं अंतिम टाँप ड्रेसिंग धान की रोपाई के 50-60 दिन बाद करनी चाहिए।
 
धान में खैरा रोग लगने की संभावना जिंक की कमी के कारण होता है।इस रोग में पत्तियां पीली पड़ जाती है,जिस पर बाद में कत्थई रंग के  धब्बे बन जाते है। इसके प्रबंधन के लिए  5 किग्रा. जिंक सल्फेट,  20 किग्रा यूरिया को 1000 लीटर पानी में घोलकर प्रति हैक्टर की दर से छिड़काव करें।  मक्का की फसल में नत्रजन प्रति हेक्टेयर 40 किग्रा. (87 किग्रा. यूरिया) की दूसरी एवं अंतिम  टाप ड्रेसिंग बुआई के 45-50 दिन बाद, नरमंजरी निकलते समय करनी चाहिए। ध्यान रहे कि खेत में उर्वरक प्रयोग करते समय पर्याप्त नमी हो। 
 
उर्द एवं मूँग की खेत में निराई गुड़ाई कर खरपतवार निकाल दें। पीला मोजैक रोग से बचने के लिए  डायमिथोएट 30 ई.सी. की एक लीटर मात्रा को 500-600 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से सायं छिड़काव करें।
 
इस समय गन्ने की लम्बाई लगभग 2 मीटर की  हो जाती है।गन्ना बाँधने का कार्य पूरा कर लें। ध्यान रहे कि बाँधते समय हरी पत्तियाँ  एक समूह में न बँधे। शिमला मिर्च,  टमाटर व गोभी की मध्यम वर्गीय  किस्मों की पौधशाला में नर्सरी पूरे माह भर डाल सकते है। पत्ता गोभी की नर्सरी माह के अंतिम सप्ताह में डालें। नर्सरी वर्षा से बचाने के लिए पालीथीन से कवर करनी चाहिए।  बैगन, मिर्च, अगैती फूलगोभी व खरीफ प्याज की  रोपाई करें। बैगन ,मिर्च, भिण्डी की फसलों में निराई -गुड़ाई व जल निकास  तथा फसल सुरक्षा की व्यवस्था करें। कद्दू वर्गीय सब्जियों में मचान बनाकर उस पर बेल चढ़ाने से उपज में बृध्दि तथा स्वस्थ फल बनेंगे। परवल लगाने के लिए मेघा नक्षत्र(15 अगस्त के आस पास का समय) सर्बोत्तम होता है।
 
आम, अमरूद, नींबू, आँवला, बेर बेल, अनार आदि के नये बाग लगाने का समय अभी चल रहा है। इनकी पौध किसी विश्वसनीय पौधशाला से ही प्राप्त कर लगायें। किसी कारण से किसी खेत में कोई फसल नही लगा पाये हो तो उसमें लाही/तोरिया  की बुआई माह  सितंबर  में मौका मिलते ही  करें। यह कम अवधि 90-95 दिन  की तिलहनी फसल है।इसे काटकर  गेंहूँ की फसल ले सकते है।
Facebook Comments