किसान गोष्ठियों का आयोजन किया गया

यह कार्यक्रम “विकसित भारत – विकसित कृषि” के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रहा। इस अभियान के 12 वें दिन तक कृषि विज्ञान केंद्र सरगटिया द्वारा अब तक 11 प्रखंडों के 108 गाँवों को कवर किया जा चुका है, जबकि कुल 14 प्रखंडों के 135 गाँवों को इस अभियान के अंतर्गत शामिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
गोष्ठी में विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा जानकारी साझा की गई:
मौसम वैज्ञानिक श्रुति वि. सिंह ने खरीफ मौसम के लिए मौसम पूर्वानुमान तथा कृषि परामर्श सेवाओं का महत्व पर प्रकाश डाला एवं कृषि विज्ञान केंद्र सरगटीया में चल रही कृषि सम्बन्धी सूचनाओं के बारे में किसानों को अवगत कराया |
उन्होंने स्वयं सहायता समूह (SHG) के गठन, एफपीओ (FPO) से विपणन संबंधी जोड़ एवं क्लाइमेट स्मार्ट कृषि पर भी प्रकाश डाला।
तकनीकी अधिकारी मोतीलाल कुशवाहा ने सब्जियां में कीट प्रबंधन के बारे बताया एवं कम लागत मैं अधिक उत्पादन करने की तकनीकी के बारे मैं बताया ।
डॉ. गंगा राज, वैज्ञानिक (पादप रोग विज्ञान) ने रसायन मुक्त कीट प्रबंधन उपकरणों एवं सब्जियों में कीट नियंत्रण की उन्नत विधियों पर विस्तृत जानकारी दी।
डॉ. अरुण प्रताप सिंह ने प्राकृतिक खेती एवं धान की ड्रम सीडर तकनीक से बुआई करने की विधि के बारे में बताया ।
डॉ. वाई. पी. भारती ने गन्ने में कीट प्रबंधन एवं जिले के लिए उपयुक्त प्रजातियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे गन्ने में पोका रोग नियंत्रण करे ।
कार्यक्रम में एडीजी (कृषि), नेबुआ नौरंगिया, एडीजी (पादप संरक्षण), अखिलेश सिंह, दिनेश प्रताप, मनोज गुप्ता, सहित अन्य अधिकारी एवं वैज्ञानिकगण उपस्थित रहे।
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