” वट सावित्री”
देखो आज आया तीज का त्योहार
मन में छाई है आज खुशियां अपार ।
मेरे सजना की उमर लम्बी हो
मेरा सजना स्वाबलम्बी हो
शिव-शक्ति से यही करती हूं दुआ
मेरा सजना ना कभी घमंडी हो ।
जोड़ी हमारी कभी ना टूटे
हम दोनों का साथ कभी ना छूटे
दोनों कभी ना किसी से रूठे
हमारा प्यार लबालव फूटे ।
मेरे माथे की बिंदिया चमकती रहे
मेरे हाथों की चूड़ियां खनकती रहे
मेरे पैरों में नुपुर सलामत रहे
लाल जोड़े की रौनक दमकती रहे |
शिव – शक्ति करें मुझ पे ऐसा उपकार
उनकी कृपा से मिले मुझे खुशियां अपार
हम दोनो के जीवन में छाए बहार
हमेशा मनाएं वट सावित्री का त्योहार ।
झोली हमारी खुशियों से भरे
और जीवन में बहुरंगी पुष्प खिले
दामन हमारा महकता रहे
मांग टीका सदा ही चमकता रहे ।
शिव-शक्ति की कृपा हमेशा रहे
उनकी कृपा से पग- पग में फूल खिले
गम का साया पड़े ना जीवन में मेरे
अरमां पूरे करें सब शिव-शक्ति मेरे ।
ये है प्रार्थना सुन लो, हे मेरी मां
आशीष दो अपना मेरी प्यारी मां
मेरी मांगों की लाली सदा ही रहे
नाक नथिया की रौनक हमेशा रहे ।
तेरी कृपा से जीवन में खुशियां रहे
संग सजना हमारे सदा ही रहे
हम दोनों सदा संग हर पल रहें
हम खुद भी हंसे और सब को हंसाते रहें ।
डॉ० संजुला सिंह ” संजू “
जमशेदपुर (झारखंड )
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