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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 5 Apr 2025 5:39 PM |   316 views

गेहूँ की फसल का आग से रखे विशेष ध्यान

इस समय समान्य तापमान से अधिक  तापमान है। जैसे -जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है, वैसे -वैसे खेतों में  गेहूं की खड़ी  फसल में आगजनी का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। गांवों में आगजनी से गेहूं की खड़ी फसल जलने की घटनाएं सामने आती रहती है। किसानों को इन दिनों पर्याप्त सावधानी रखने की ज़रूरत है।
 
प्रसार्ड ट्रस्ट मल्हनी भाटपार रानी देवरिया के निदेशक प्रो. रवि प्रकाश मौर्य सेवानिवृत्त वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक  ने बताया कि गेहूं की फसल पककर तैयार हो गई है। कहीं कटाई चल रही है। इस बीच बिजली के फाल्ट होने या अन्य कारणों से गेहूं की खड़ी फसल में आग लगने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। किसानों को सलाह दी जाती है कि गेहूं की खड़ी फसल के पास बीड़ी -सिगरेट का सेवन न करे।
 
यदि खेतों के पास या खेत में ट्रांसफार्मर लगे हैं तो किसान भाई सबसे पहले उसके आसपास की फसल की कटाई कर वहा सफाई कर दें। कोशिश यह हो कि बिजली के तारों में शार्ट सर्किट न होने पाए। इसके लिए उचित व्यवस्था रखें। खेतों में स्प्रेयर पंप में पानी भरकर रखें, ताकि आग लगते ही उसे तुरंत बुझाया जा सके। शार्ट सर्किट से होने वाली आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए बिजली कम्पनी  तेज हवा चलने पर  खेतों के बीच से निकले कनेक्शन से  बिजली की आपूर्ति न करें। अपने क्षेत्र के विधुत विभाग के अधिकारियों/ कर्मचारियों का मोबाइल/ दूरभाष नम्बर जरूर रखे ,जिससे  घटना की सूचना देकर बिधुत बाधित करा सकें। अग्निशामक विभाग का भी सम्पर्क सूत्र होना आवश्यक है।
 
कम्बाइन मशीन से भी चिन्गारी निकलने पर आगजनी हो रही है।  ट्रैक्टर एवं अन्य वाहनों  का साइलेन्सर  ठीक होना चाहिए जिससे  निकलने वाले धुआं के साथ चिन्गारी न निकलें।  रेलवे लाईन एवं सड़कों के किनारे वाली फसलों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। कभी कभी कच्चे मकान या झोपड़ी में गैस  चूल्हे   या गाँव में निर्मित लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाने से भी ध्यान न रखने पर  आग जनी हो जाती है। बहुत तेज हवा होने पर चूल्हे की आग को बूझा दें।
 
                            कटाई के समय इन बातों का रखें खास ध्यान
वैज्ञानिकों के अनुसार, गेहूं की कटाई के लिए सुबह का समय सबसे उपयुक्त माना गया है। इस दौरान नमी संतुलित रहती है और दानों का नुकसान कम होता है। किसानों को गेहूं की कटाई अप्रैल के अंत तक पूरी कर लेनी चाहिए ताकि दानों की  गुणवत्ता बनी रहे। यदि कटाई हाथ से की जा रही है, तो फसल के बंडलों को 3-4 दिन खेत में छोड़ देना चाहिए ताकि नमी कम हो सके। 
 
हार्वेस्टर से कटाई के समय ध्यान रखे की वह भूसा भी बनाता हो।फसल कटाई के समय दाने की नमी 15-20% से अधिक नहीं होनी चाहिए। यदि नमी अधिक हो, तो फसल को खेत में 4-5 दिन सूखने देना चाहिए और फिर मड़ाई करनी चाहिए। देरी से कटाई करने पर फसल की गुणवत्ता खराब हो सकती है और चिड़िया व चूहे फसल को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए, सही समय पर कटाई कर किसान अच्छी गुणवत्ता के साथ अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
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