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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 7 Mar 2025 7:23 PM |   138 views

15 मार्च से हाइवे के आसपास विचरण करने वाले गौवंशों के गले में रेडियम पट्टी लगायी जायेगी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने वर्ष 2023-24 में प्रदेश के सर्वाधिक दुग्ध आपूर्तिकर्ता 63 दुग्ध उत्पादकों को गोकुल पुरस्कार और गाय के सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाले 44 दुग्ध उत्पादकों को नन्दबाबा पुरस्कार से आज यहां इंदिरागांधी प्रतिष्ठान में आयोजित भव्य कार्यक्रम में सम्मानित किया। पुरस्कृत सभी 107 दुग्ध उत्पादकों को प्रतीक चिन्ह, पुरस्कार स्वरूप धनराशि, प्रमाण-पत्र देकर प्रोत्साहित किया।

इस अवसर पर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से भारतीय गोवंशीय देशी गाय के दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है और गोवंश का संरक्षण एवं संवर्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता है। सिंह ने दुग्ध उत्पादकों से दुग्ध समितियों के माध्यम से व्यवसाय करने का आह्वाहन किया और कहा कि समितियों के माध्यम से दुग्ध व्यवसाय करके और डेयरी व्यवसाय अपनाकर किसान एवं पशुपालक अपनी आय में बढ़ोत्तरी कर सकते हैं। सिंह ने दुग्ध संघों एवं अधिकारियों द्वारा अनुरोध किये जाने पर दुग्ध अनुदान दिये जाने के संबंध में विचार किये जाने का भी आश्वासन दिया।

कार्यक्रम में गोकुल पुरस्कार के अंतर्गत लखनऊ दुग्ध संघ के लखीमपुर-खीरी जनपद निवासी एवं वेलवा मोती समिति के वरूण सिंह को 230862.0 ली0 दुग्ध आपूर्ति हेतु राज्य स्तरीय प्रथम पुरस्कार और बरेली दुग्ध संघ के जनपद बदायू के कुवाडान्डा के हरविलास सिंह को 72140.00 ली0 दुग्ध आपूर्ति हेतु द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया। इन दोनों दुग्ध उत्पादकों को क्रमशः 02 लाख रुपये एवं 1.50 लाख रुपये की पुरस्कार राशि तथा शेष अन्य चयनित लाभार्थियों को जनपद स्तरीय पुरस्कार के तहत 51 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई है।

इसी प्रकार नंदबाबा पुरस्कार के तहत लखनऊ दुग्ध संघ के जनपद रायबरेली के निवासी एवं दुग्ध समिति लालूपुर खास के लाभार्थी नरेन्द्र कुमार को 14361.00 ली0 दुग्ध आपूर्ति हेतु राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित करते हुए पुरस्कार स्वरूप 51 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई है। इनके अलावा जनपद स्तरीय पुरस्कार के तहत 21 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई।

इस अवसर परसिंह ने सभी विजेताओं को बधाई दी और कहा कि पुरस्कृत 107 दुग्ध उत्पादकों में से 36 महिला लाभार्थी है, जो दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में महिलाओ की भागीदारी का एक सशक्त उदाहरण है।

सिंह ने कहा कि राज्य सरकार निराश्रित गौवंश के कारण होने वाली आकस्मिक दुर्घटनाआंे को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए आगामी 15 मार्च से हाइवे या मुख्य सड़कों के किनारे बसे गांवों के आसपास विचरण करने वाले गौवंशों के गले में रेडियम पट्टी लगाये जाने का कार्य किया जायेगा।

सिंह ने प्रत्येक जनपद में अधिक से अधिक दुग्ध समितियों के गठन किये जाने और देशी गाय के दूध के उपयोग पर बल दिया। उन्होंने कहा कि दूध प्रोसेसिंग की कमियों को दूर करने, किसानों को प्रशिक्षण देने एवं दुग्ध उत्पादन में नई तकनीक व नई जानकारी देने का कार्य विभाग द्वारा किया जा रहा है, जिससे प्रति पशु दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि हो रही है। सिंह ने दूध न देने वाली गायों को न छोड़े जाने की अपील किसानों और पशुपालकों से की।

इस अवसर पर पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के प्रमुख सचिव के0 रविन्द्र नायक ने कहा कि उ0प्र0 में स्वरोजगार को बढ़ाने में, दुधारू पशुओं के पालन में दुग्ध विकास विभाग अपनी महत्वूपर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहा है। वर्तमान में दुग्ध उत्पादन में उ0प्र0 देश में प्रथम स्थान पर है किन्तु दुग्ध उत्पादन में अन्य प्रदेशों की तुलना में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता कम है, जिसमें वृद्धि करने की आवश्यकता है।

प्रमुख सचिव  ने बताया कि गोकुल पुरस्कार के तहत दुग्ध विकास के अन्तर्गत दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करने हेतु कृषकों को प्रोत्साहन देने के लिए गोकुल पुरस्कार का वितरण प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किया जाता है। गोकुल पुरस्कार के चयन के लिए वे ही दुग्ध उत्पादन पात्र होते है, जिनके द्वारा वित्तीय वर्ष 5000 ली0 या इससे अधिक दूध दुग्ध समिति में आपूर्ति किया गया हो।

प्रदेश की दुग्ध समिति में सर्वाधिक दुग्ध आपूर्तिकर्ता दुग्ध उत्पादक को प्रथम एवं द्वितीय लाभार्थी को राज्य स्तरीय पुरस्कार तथा शेष को जनपद स्तरीय पुरस्कार वितरित किया जाता है। नन्दबाबा पुरस्कार के तहत दुग्ध विकास के अन्तर्गत भारतीय गोवंश की गाय के दूध में वृद्धि करने हेतु कृषकों को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए नन्दबाबा पुरस्कार का वितरण प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किया जाता है। नन्दबाबा पुरस्कार के लिए भारतीय गोवंश की गाय के सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाले वे ही उत्पादक पात्र होते हैं, जिनके द्वारा वित्तीय वर्ष में कम-से-कम 1500 लीटर या उससे अधिक दूध दुग्ध समिति में आपूर्ति किया गया हो।

 इस अवसर पर विशेष सचिव दुग्ध विकास विभाग राम सहाय यादव, प्रभारी/समन्वय पीसीडीएफ डा0 मनोज तिवारी, डा0 राम सागर, नयनतारा सहित दुग्ध संघों के निर्वाचित अध्यक्षगण एवं दुग्ध संघो के अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित थे।

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