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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 23 Jan 2025 5:38 PM |   260 views

नेताजी देश के गौरव थे -भानुप्रिया

गोरखपुर-सरस्वती शिशु मंदिर (10+2) पक्की बाग गोरखपुर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई गई | इस अवसर पर विद्यालय की आचार्या बहन भानुप्रिया ने कहा कि नेताजी देश के गौरव थे ।इन्होंने देश की दशा और दिशा बदलने में अहम योगदान दिया है । नेताजी का नाम सुनते ही मन  प्रफुल्लित हो जाता है।
 
इन्होंने ब्रिटिश हुकूमत की जड़े हिला कर रख दी थी।नेताजी का नाम भारत के इतिहास में  स्वर्ण अक्षरों में लिखा हुआ है । जब तक सूरज चांद रहेगा तब तक नेताजी का नाम रहेगा ।
 
सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 में उड़ीसा के कटक में हुआ था। उनके पिता का नाम जानकी नाथ बोस तथा माता का नाम प्रभावती देवी था | सुभाष चंद्र बोस बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के थे और पढ़ाई में काफी तेज थे वह बहुभाषी थे । वे हिंदी, अंग्रेजी, बांग्ला, जर्मन और जापानी भाषाओं के ज्ञाता थे। वे आई सी एस की परीक्षा पास करने वाले चौथे भारतीय थे। 1939 में कांग्रेस के सबसे युवा अध्यक्ष बने थे। वे देश की आजादी के लिए हिटलर तक से मिलने चले गए थे। सुभाष चंद्र बोस भारत के स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी तथा सबसे बड़े नेता थे।
 
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिए उन्होंने जापान के सहयोग से आजाद हिंद फौज का गठन किया था। वे महिला सशक्तिकरण के प्रबल समर्थक थे। उन्होंने महिलाओं को आजाद हिंद फौज में शामिल किया था। उनके द्वारा दिया गया जय हिंद का नारा आज भी भारत का राष्ट्रीय नारा है। तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा का नारा भी उन्होंने ही दिया था जो कि उस समय अत्यधिक प्रचलन में था । 18 अगस्त 1945 को ताइवान के ताइपे में उड़ान भरते समय एक विमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई । भारत की आजादी में उनका योगदान सराहनी है। जिसे हम कभी भुला नहीं सकते । जय हिंद जय भारत ।
 
प्रधानाचार्य डॉक्टर राजेश सिंह ने कहा कि नेताजी गरम दल के नेता थे ।हमें जो आजादी मिली है, गरम दल के नेताओं के संघर्ष से मिली है ना कि हाथ जोड़ने से मिली है । नेताजी ने कहा था आजादी मांगने से नहीं छीनने से मिलेगी । संचालन आचार्य एस एन कुशवाहा ने किया इस अवसर पर समस्त विद्यालय परिवार उपस्थित रहा ।
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