विश्व भारत को शांति वार्ताकार के रूप में देख रहा है – हरिवंश
नई दिल्ली। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने आकाशवाणी रंग भवन सभागार में “वैश्विक क्षितिज पर भारत की बढ़ती भूमिका” विषय पर आकाशवाणी का प्रतिष्ठित डॉ. राजेंद्र प्रसाद स्मारक व्याख्यान 2024 दिया।
यह व्याख्यान वर्ष 1969 से आकाशवाणी के कार्यक्रमों के कैलेंडर में एक वार्षिक विशेषता है, जो डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती के उपलक्ष्य में 3 दिसंबर को पड़ता है, जब यह व्याख्यान आकाशवाणी के राष्ट्रीय हुक अप पर प्रसारित होता है।
हरिवंश ने पिछले एक दशक में भारत द्वारा उठाए गए अहम कदमों पर प्रकाश डाला, जिससे वैश्विक समुदाय में उसकी स्थिति सुदृढ़ हुई है। उन्होंने उभरती वैश्विक व्यवस्था में भारत के बढ़ते प्रभाव, विशेष रूप से महाद्वीपों में तेजी से फैल रही उसकी सॉफ्ट पावर के प्रभाव का उल्लेख किया।
हरिवंश ने भविष्य के लिए विजन पर भी विचार किया, क्योंकि राष्ट्र 2047 तक ‘विकसित भारत’ बनने की अपनी यात्रा पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया भारत को एक शांति वार्ताकार के रूप में देखती है और उसकी राय न केवल सुनी जाती है, बल्कि कई विजन दस्तावेजों में प्रमुखता से शामिल की जाती है।
हरिवंश ने विशेष रूप से इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे भारत ने औपनिवेशिक शासकों द्वारा चित्रित जादूगरों और सपेरों की भूमि की छवि को पीछे छोड़ दिया है और 5वीं सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बन गया है और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है।