आओ मिलकर दीप जलाएं
आओ मिलकर दीप जलाएं।
जगमग करे कोना – कोना।
किला, कुटिया कंदराएं
आओ मिलकर दीप जलाएं।
लोभ, लालच, द्वेष, दुष्टता
और अपनी – अपनी धृष्टताएं।
जलते दीपों के उजियारों में
चुन – चुनकर दोष मिटाएं।
आओ मिलकर दीप जलाएं।
चोर व्यापारी,भ्रष्ट अधिकारी
कुकर्मी, अगुआ और अपचारी।
उजाले में मुखौटा हटाकर
उनका असल चेहरा दिखाएं
आओ मिलकर दीप जलाएं।
दिखावटी साज सजावट
छुआछूत और भेद बनावट।
ज्ञान की लौ फैलाकर
अज्ञानता का तम मिटाएं।
आओ मिलकर दीप जलाएं।
पूरब से पश्चिम दिशा तक
उत्तर और दक्षिण सीमा तक।
बाती एकता की बनाकर
सौहार्द का दीया सजाएं।
आओ मिलकर दीप जलाएं।
(पुष्प रंजन, पटना )
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