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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 15 Oct 2024 5:07 PM |   689 views

लोक कलाएं हमे सुसंस्कृत और सभ्य बनाती है- डॉ दिनेश

कुशीनगर-बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुशीनगर के सांस्कृतिक मंच ‘सप्तरंग’ द्वारा आयोजित छात्राओ के मध्य डांडिया नृत्य की समूह प्रतियोगिता आज मजीठिया सभागार में संपन्न हुई।
 
कार्यक्रम में निर्णायक मंडल के वरिष्ठ सदस्य डॉ दिनेश तिवारी ने विजेता टीम की घोषणा की। इस अवसर अपने विचार व्यक्त करते हुए आपने कहा कि संगीत और नृत्य मनुष्य के मनोरंजन के साधन होने के साथ साथ मनुष्यता की प्रगति के भी प्रतीक हैं।इसके संस्कृति के विकास के स्तर का पता चलता है।लोक कलाएं हमे सुसंस्कृत और सभ्य बनाती है।
 
अर्चना श्रीवास्तव निर्णायक मंडल की दूसरी सदस्य रहीं।आज की प्रतियोगिता में ग्रुप संख्या- 8 ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
 
इस समूह की सदस्य क्रमश: रुबीना खातून, प्रगति,अंशिका, शिखा सिंह, पलक राव, शिवानी पाण्डेय, पूजा, अनुपमा शाह, श्वेता,प्रीति सिंह थीं।
 
द्वितीय स्थान समूह 3 ने प्राप्त किया जिसमें क्रमश – निधि , कुश्मिता, ममता, गीतांजली , रंजना, आंचल, मंशा, अनम,मन्नू, तन्नू,हर्षिता और रोशनी थीं। तृतीय स्थान समूह संख्या 15ने प्राप्त किया। इस टीम की सदस्य मुस्कान राजभर, मनीषा शर्मा, सीमा प्रजापति, अर्चना विश्वकर्मा, खुशी सिंह,रीमा  गोंड, रुनझुन राव, अमीषा गुप्ता, खुशबू गुप्ता और नेहा थीं।
 
सप्तरंग की सह प्रभारी डॉ रीना मालवीय ने कहा कि भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भारतीय कलाओं को संरक्षित एवं संवर्धित करने पर बल दिया गया है। कुशीनगर की धरती सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों को संजोए हुए है। इस कड़ी में यह प्रतियोगिता एक महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है।
 
कार्यक्रम प्रभारी डॉ निगम मौर्य ने मनचस्थ अतिथियों उपस्थित आचार्यगण, पत्रकार बंधुओ और प्रतिभागियों का स्वागत किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व प्राचार्य प्रो अमृतांशु शुक्ल ने लोकनृत्यों के महत्त्व पर चर्चा करते हुए कहाकि भारत उत्सव धर्मी देश है। यहाँ प्रत्येक पर्व एवम् मौसम के अनुरूप नृत्य एवम् गीत की परंपरा रही है।आपने प्रतिभागी छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए उनके उत्कृष्ठ प्रदर्शन की सराहना की।
 
इस अवसर डॉ राजेश कुमार सिंह, डॉ गौरव तिवारी, डॉ शुभ दयाल कुशवाहा, डॉ यज्ञेश नाथ त्रिपाठी, डॉ आशुतोष तिवारी, डॉ सौरभ द्विवेदी,डॉ इंद्रजीत मिश्र, डॉ रामभूषण मिश्र, डॉ सीमा त्रिपाठी, डॉ सत्यप्रकाश, डॉ  राकेश सोनकर, डॉ शशिकांत पाण्डेय समेत बड़ी संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित रहे।
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