शिक्षा का मंदिर है विद्यालय जहा युवाओं का भविष्य होता है तैयार , इसको न बनाए लूट खसोट का अड्डा – डीएम

बैठक में डीएम ने बताया की कोई भी प्राइवेट विद्यालय मनमाने ढंग से स्कूल फीस में वृद्धि नही कर सकता है। यूपी फीस रेगुलेशन एक्ट 2018 के तहत जिला शुल्क नियामक समिति की अनुमति के बाद की स्कूल प्रबंधक फीस वृद्धि कर सकते है। फीस वृद्धि के लिए स्कूल प्रबंधक को जिला शुल्क नियामक समिति के समक्ष 02 माह पहले आवेदन करना होगा । शुल्क वृद्धि कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के अनुसार होगी तथा 5 प्रतिशत से ज्यादा नही होगी।
जनपद में यूपी फीस रेगुलेशन एक्ट 2018 के बारे में अधिकतर विद्यालयों के स्कूल प्रबंधक को नही पता होने के कारण किसी भी प्रबंधक द्वारा यह कानून लागू होने के बाद शुल्क नियामक समिति के समक्ष फीस वृद्धि के लिए आवेदन नही किया गया तथा मनमाने ढंग से फीस बढ़ाया जा रहा था , जिस पर डीएम के सख्त रवैया के रोक लगेगी।
उन्होंने कहा की यूपी फीस रेगुलेशन एक्ट 2018 के तहत जिला शुल्क नियामक समिति की अनुमति के बिना फीस वृद्धि करने वाले स्कूल प्रबंधकों के विरुद्ध कानून के दायरे में करवाही की जाएगी।
उन्होंने बताया की स्कूल द्वारा 05 वर्ष में बाद ही स्कूल की ड्रेस चेंज कर सकते है तथा छात्रों को किसी विशेष जगह से किताब , ड्रेस आदि खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकते। स्कूल प्रबंधन प्रति वर्ष पाठ्य पुस्तकें नही बदल सकते जिससे अभिभावको पर बेवजह बोझ पड़े।
डीएम ने कहा की स्कूल प्रबंधक लाभ कमाने के लिए अभिभावकों की जेब पर डाका न डाले तथा स्वच्छ तरीके के लाभ कमाए। उन्होंने कहा की स्कूल प्रबंधकों की भी बाते सुनी जाएगी। इसके लिए स्कूल प्रबंधकों की एक 06 सदस्यीय समिति गठित की जाएगी।
डीएम ह ने कहा की स्कूल शिक्षा का मंदिर होते हैं , जहा युवाओं का भविष्य तैयार होता है।
स्कूल में छात्रों को अच्छी गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान की जाए। बेवजह अभिभावकों की जेब पर डाका न डाला जाए।
इस अवसर पर एसडीएम संजीव कुमार , डीआईओएस गोविंद राम , बीएसए कल्पना देवी , अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी , समस्त स्कूल प्रबंधक व अन्य संबंधित अधिकारी / कर्मचारीगण उपस्थित रहें ।
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