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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 20 May 2024 5:28 PM |   247 views

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव कुशीनगर ने गोष्ठी आयोजित कर जुलाई से लागू होने वाले नये कानूनों के बारे में किया चर्चा

कुशीनगर -आज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कुशीनगर के तत्वाधान में अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शैलेन्द्र मणि त्रिपाठी द्वारा सिविल कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महन्थ गोपाल जी दास, महामंत्री अभयानन्द दीक्षित व बार के समस्त पदाधिकारी व समस्त अधिवक्ताओं के साथ बैठक की। जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अशोक कुमार सिंह-VII ने बैठक में एक जुलाई 2024 से लागू होने वाले कानूनों के प्रति अधिवक्तागण एवं आम जन-मानस में जागरूकता फैलाने के लिये रूप-रेखा तैयार किये जाने के विषय पर चर्चा की गयी।
 
एक जुलाई से लागू होने वाले कानून, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय न्याय संहिता व भारतीय साक्ष्य अधिनियम का प्रचार-प्रसार किये जाने तथा इस सम्बन्ध में जानकारी के आदान-प्रदान किये जाने के लिये वार्ता की और पुराने वादों के निस्तारण सम्बन्धी उच्चतम न्यायालय के माॅडल एक्शन प्लान के सन्दर्भ में भी चर्चा हुयी। नये कानून लागू होने विषयक पर चर्चा के दौरान बार एसोसिएशन के अध्यक्ष  महन्थ गोपाल जी दास व महामंत्री अभयानन्द दीक्षित ने भी उपस्थित सभी अधिवक्तागण को एक जुलाई 2024 से लागू होने वाले कानून के बारे में विस्तार से बताया।
 
चर्चा के दौरान नये कानून पर बात करते हुये यह बताया गया कि यह कानून परीक्षणों, अपीलों और गवाही की रिकाॅर्डिग के लिये प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देता है। आगे यह बताया कि CrPC की धारा 41A को धारा 5 के रूप में पुनः क्रमांकित किया जायेगा। इस परिवर्तन में एक अतिरिक्त सुरक्षा शामिल है, जिसमें कहा गया है कि कम से कम पुलिस उपाधीक्षक रैंक के किसी अधिकारी की पूर्व मंजूरी के बिना कोई गिरफ्तारी नहीं की जा सकती है, विशेषकर ऐसे दंडनीय अपराधों के लिये जिसके 3 वर्ष से कम की सजा हो अथवा अपराध 60 वर्ष से अधिक आयु वाले व्यक्ति द्वारा किया गया हो।
 
आगे यह बताया गया कि यह कानून फरार अपराधियों पर न्यायालय द्वारा उनकी अनुपस्थिति में मुकदमा चलाने आैर सजा सुनाने की अनुमति देता है। यह कानून मजिस्ट्रेटों को ई-मेल,SMS, व्हाट्सएप मैसेज आदि जैसे इलेक्ट्रानिक रिकाॅर्ड के आधार पर अपराधों का संज्ञान लेने का अधिकार देता है, जिससे साक्ष्य संग्रह और सत्यापन की सुविधा मिल सकती है। ए०डी०जी०सी०  सुनली मिश्र ने भी लागू होने वाले नये कानून पर विस्तार से बताया।
 
इस दौरान ए०डी०जी०सी० रामवृक्ष यादव, वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर दीक्षित, विन्ध्यवासिनी प्रकाश त्रिपाठी, सुनील तिवारी,  धनन्जय त्रिपाठी, राजीव कुमार शुक्ल, राकेश तिवारी, प्रवीण कुमार दूबे, परितोष शुक्ल व अन्य बहुत से अधिवक्तागण उपस्थित रहे।
 
 
 
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