वर्तमान परिवेश में संग्रहालय का महत्व ‘ विषय पर ब्याख्यान आयोजित किया गया


मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुशीनगर के प्राचार्य प्रो विनोद मोहन मिश्र ने कहा कि संग्रहालय में हमारी विरासत संरक्षित होती है। अगर संग्रहालय न होते तो देश की आजादी के संघर्ष का इतिहास अपने मूल स्वरूप में हमारे सामने नहीं आ पाता। अगल-अगल संस्थाएं और विभाग भी अपने इतिहास और प्रगति को संरक्षित करने हेतु संग्रहालय का निर्माण करते है। हमारे देश में रेलवे ने अपने इतिहास को संग्रहालयों के माध्यम से विश्व के सम्मुख प्रस्तुत किया है।
यह ऐतिहासिक सत्य को संरक्षित करने का सबसे सशक्त माध्यम है।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुशीनगर के सचिव वीरेन्द्र सिंह अहलूवालिया ने कहा कि हमारे संग्रहालय इतिहास में झांकने हेतु झरोखे का कार्य करती हैं। यह रोशनी के वह स्रोत है जो इतिहास के अंधेरे पक्ष को पढ़ने हेतु काम आते है। यह ज्ञान के अगाध भंडार हैं। हमारे विद्यार्थियों को संग्रहालयों से लाभ उठाना चाहिए और अपने इतिहास ज्ञान को समृद्ध करना चाहिए।
कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके हुई। अतिथियों के स्वागत के पश्चात् संग्रहालयाध्यक्ष अमित द्विवेदी ने बताया कि इतिहास को मूर्त रूप में संरक्षित रखने में संग्रहालयों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सरकार ने संग्रहालयो के महत्त्व को देखते ‘ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ‘ में संग्रहालय के अध्ययन को पाठ्यक्रम का अनिवार्य अंग बना दिया गया है।वर्तमान सरकार संग्रहालय के विकास,संरक्षण और विकास हेतु निरन्तर प्रयास कर रही है।
कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अधिकारी डॉ निगम मौर्य ने किया जबकि आभार ज्ञापन डॉ पारस नाथ ने किया।

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