अमेरिका ने उत्तर कोरिया और रूस के बीच सैन्य उपकरण ट्रांसफर करने वाली संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिया
अमेरिका ने उत्तर कोरिया और रूस के बीच सैन्य उपकरण ट्रांसफर करने वाली संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है| अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने गुरुवार को कहा कि यूक्रेन के खिलाफ चल रहे युद्ध के बीच उत्तर कोरिया और रूस के बीच सैन्य उपकरणों और घटकों के ट्रांसफर में शामिल होने के लिए अमेरिका ने रूसी संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाया है| अमेरिका ने यह भी दावा किया कि रूस ने यूक्रेन पर युद्ध छेड़ने के लिए उत्तर कोरिया पर भरोसा किया है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध ग्लोबल सिक्योरिटी और अंतरराष्ट्रीय परमाणु अप्रसार व्यवस्था के लिए व्यापक खतरा पैदा करते हैं|
दरअसल अमेरिका डीपीआरके पर संयुक्त राष्ट्र के हथियार प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुए डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) और रूस के बीच सैन्य उपकरणों के ट्रांसफर से जुड़े रूस स्थित पांच व्यक्तियों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा रहा है| बयान में कहा गया है कि रूस ने यूक्रेन पर युद्ध छेड़ने के लिए हथियारों के लिए डीपीआरके पर तेजी से भरोसा किया है| साथ ही यूक्रेन में लक्ष्यों के खिलाफ डीपीआरके द्वारा आपूर्ति की गई दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं|
उन्होंने कहा कि निरंतर हथियारों के ट्रांसफर और रूस और डीपीआरके के बीच रक्षा सहयोग को गहरा करने के हमारे विरोध को उजागर करती है| रूस पहले ही 40 से अधिक डीपीआरके-निर्मित बैलिस्टिक मिसाइलों का उपयोग कर चुका है| यूक्रेन के खिलाफ, साथ ही युद्ध सामग्री, जिसे मॉस्को ने डीपीआरके पर यूएनएससी प्रस्तावों के सीधे उल्लंघन में आयात किया था|
यह कार्रवाई पिछले साल के कई प्रतिबंधों पर आधारित है| अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर रूस के वीटो के प्रयोग की भी निंदा की, जिसने संयुक्त राष्ट्र 1718 समिति के विशेषज्ञों के पैनल के जनादेश को बढ़ाया होगा, एक निकाय जिसने डीपीआरके के संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध उल्लंघनों का डॉक्यूमेंटेशन किया था|