आपदा प्रबंधन कार्यशाला में अध्यापकों को दिया गया प्रशिक्षण


आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की कार्यशाला में एसडीआरएफ ने आपदा से बचाव हेतु विभिन्न प्रकार के जागरूकता हेतु स्टॉल लगाए, जिसका जिलाधिकारी ने अवलोकन किया, साथ ही उन्होंने कहा कि आपदा से बचाव हेतु सभी प्रकार की जानकारियां होना आवश्यक है।
जिलाधिकारी ने कहा कि आपदा को न्यूनीकरण से सुन्नीकरण की ओर ले जाने की होगी प्राथमिकता, ‘अध्यापक होते हैं देश दीपक’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आपदा कभी भी आ सकती है इसलिए हम सभी को आपदा से बचाव हेतु जानकारियां पहले से ही रहनी चाहिए। सभी लोग पहले से ही प्रशिक्षित रहे जिससे कि आपदा के नुकसान को कम से कम किया जा सके। उन्होंने सभी खंडशिक्षा अधिकारियों और अध्यापकों से कहा कि इस बारे में अपने विद्यालय में जाकर सभी बच्चों को अवश्य बताएं। साथ ही उनके अभिभावकों व विद्यालय के रसोईया को भी इस बारे में जरूर जानकारी दें। सभी की जागरूकता ही आपदा के नुकसान को कम कर सकती है।
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की कार्यशाला में जिला आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव ने वहां पर उपस्थित सभी अधिकारियों एवं अध्यापकों को आपदा के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आपदा के समय आपदा से बचाव हेतु निम्न प्रकार की सावधानियों का उपयोग करना चाहिए, ताकि आपदा से होने वाले नुकसानों / जनहानि को बचाया जा सके।
सांप काटने पर क्या किया जाय तथा कैसे किया जाय-
काटे हुए जगह पर टाइट कपड़े न बांधे। जहर को चूसकर निकालने की कोशिश न करें। काटे हुए जगह पर जहर निकालने के लिए कोई कट न लगाएं। एल्कोहल, चाय या कॉफी बिल्कुल भी न पीएं। इससे जहर तेजी से फैल सकता है। किसी तरह का ठंड़ा, गर्म सिंकाई न करें। न ही कोई क्रीम लगाएं। दर्द के लिए एस्पीरिन न लें। इससे ब्लीडिंग बढ़ सकती है।
क्या करें-
टाइट कपड़े या गहने तुरंत उतार लें, जहां पर काटा हो उस हिस्से को हार्ट के लेवल से नीचे रखें। घायल को जितना हो सके स्थिर रखें, इससे जहर बॉडी में फैलने से रोक सकते हैं, घायल को शांत रखने की कोशिश करें जिससे उसे शॉक लगने से बचाया जा सके। काटने के 4 घंटे के अंदर ही एंटीवेनम का इंजेक्शन लगवा लें। जहां काटा हो, उसे हल्के कपड़े से कवर कर लें।

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