Wednesday 5th of November 2025 06:27:22 PM

Breaking News
  • बिहार चुनाव -पहले चरण का प्रचार थमा ,121 सीटों पर 6 नवम्बर को मतदान|
  • बिलासपुर ट्रेन दुर्घटना-यात्री मालगाड़ी की भीषण टक्कर में 4 की मौत ,कई घायल |
  • बंगाल में अवैध रूप से रहने के आरोप में बांग्लादेशी ब्लॉगर गिरफ्तार,2018 में भारत आया था | 
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 25 Nov 2023 5:38 PM |   403 views

देश की आत्मा है संविधान – आचार्य एस.एन.कुशवाहा

गोरखपुर – सरस्वती शिशु मंदिर (10+2 ) पक्कीबाग गोरखपुर में गुरु नानक देव जी की जयंती एवं संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर कार्यक्रम संपन्न हुआ। जिसमें विद्यालय के आचार्य एस.एन कुशवाहा ने संविधान दिवस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि “संविधान देश की आत्मा है”।
 
किसी भी देश का संविधान उसे देश की आत्मा होती है। जिस प्रकार से शरीर से आत्मा निकल जाए वह शरीर बेकार हो जाती है। ठीक उसी प्रकार से किसी देश से संविधान निकाल दिया जाए तो वह देश ठीक प्रकार से नहीं चल सकता। 26 नवंबर 1949 को संविधान अपना बनकर तैयार हुआ।
 
संविधान का अर्थ होता है समान विधान अर्थात सबको समान विचारधारा से देखा जाए, सबको समान अधिकार हो, सबका समान सम्मान हो। आजादी के बाद अपने देश की संविधान निर्माण की बात आई तो संविधान सभा का गठन किया गया जिसमें 300 सदस्य थे | जिसके अध्यक्ष डॉ राजेन्द्र प्रसाद  थे, संविधान सभा में प्रमुख रूप से पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, प्रख्यात विधिवेत्ता व अर्थशास्त्री डॉ भीमराव अंबेडकर प्रारूप समिति के अध्यक्ष के दायित्व का निर्वाह किया, जिनके नेतृत्व में समिति ने संविधान को मूर्त रूप देने का महत्वपूर्ण कार्य किया।
 
इसके अतिरिक्त के. एम. मुन्शी, अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर, बी.एन. राव ने भी भारत के संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। संविधान का जनक एवं पितामह डॉक्टर अंबेडकर को कहा जाता है। इसको बनाने में कुल 2 वर्ष 11 माह,18 दिन लगे थे। यह विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।
 
सबसे दिलचस्प बात है कि मूल संविधान हाथ से लिखा गया था। इसमें किसी भी प्रकार की प्रिंटिंग का उपयोग नहीं हुआ था। संविधान में जहां हमें मौलिक अधिकार प्राप्त है वहीं पर हमारा कर्तव्य भी हैं। हम सभी मौलिक- अधिकारों के साथ-साथ अपने नागरिक कर्तव्यों का भी पालन करें। संविधान को जाने, माने, पहचाने एवं इसका सम्मान करें।
 
साथ ही गुरु नानक जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य विनय मिश्रा  ने कहा की गुरु नानक देव ने समाज एवं देश को एक नई दशा एवं दिशा देने का कार्य किया। इन्होंने उस समय में फैली हुई कुरीतियों को प्रवचन व कहानियों के माध्यम से लोगों में जागरूकता फैलाने का काम किया साथ ही लोगों को अच्छाई के मार्ग पर चलने का आग्रह किया।
 
विद्यालय के आचार्य सदानंद पांडे ने भी गुरु नानक पर अपने विचार रखे एवं बहन शांभवी ने संविधान दिवस पर अपने विचार रखी | अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ राजेश सिंह ने गुरु नानक  पर एवं संविधान दिवस पर अपने विचार रखें। इस अवसर पर समस्त विद्यालय परिवार उपस्थित रहा।
 
 
 
 
 
 
Facebook Comments