Wednesday 15th of May 2024 10:57:32 PM

Breaking News
  • केन्द्रीय मंत्री सिंधिया की माँ का निधन हुआ |
  • CAA के तहत पहली बार मिली भारतीय नागरिकता , 14 शरणार्थी को थमाया गया सिटीजन सर्टिफिकेट|
  • पश्चिम बंगाल को लेकर तेज हुई सियासी लडाई , मुल्ला , मौलवी मदरसा पर आई |
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 21 Oct 2023 2:11 PM |   111 views

जापान के पास साइलेंट है किलर, बिना आवाज देता है मौत

टोक्यो । जापान ने पहली बार एक भयंकर हथियार की टेस्टिंग की, जिसे रेल गन कहते हैं। इसकी फायरिंग की गई। दुनिया के सबसे खतरनाक हथियार को एक युद्धपोत से चलाया गया। जापानी मैरीटाइम सेल्फडिफेंस फोर्स यानी वहां की नौसेना ने यह टेस्टिंग की है। दरअसल, यह एक फ्यूचर वेपन है। खास बात यह है कि इसमें किसी गोले- बारूद की जरूरत नहीं होती । जापान ने इस खतरनाक हथियार का परीक्षण इसलिए किया है, ताकि वह चीन के हाइपरसोनिक हथियारों, मिसाइलों को आसमान में ही उड़ा देगा। यह एक मीडियम कैलिबर की नौसैनिक रेलगन है। यह हथियार जापान की राजधानी टोक्यो को दुश्मन के हमलों से बचाने का काम करेगी।

दागती है 40 मिमी के स्टीलप्रोजेक्टाइल-

जापानी नौसेना ने इस परीक्षण का जो वीडियो जारी किया है उसमें अलग-अलग एंगल से रेलगन की फायरिंग को दिखाया जा रहा है। रेल गन के जरिए इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एनर्जी को मिसाइल की तरफ फेंकता है। इसकी गति बहुत ही ज्यादा होती है। यह हाइपरसोनिक स्पीड से भी तेज चला जाता है। माना जा रहा है कि जापान ऐसे कई रेलगन देश की समुद्री और जमीनी सीमा पर तैनात करने जा रहा है। यह गन 40 मिलिमीटर के स्टील प्रोजेक्टाइल को दागती है। असल में यह स्टील की गोलियां हैं, जिनका वजन 320 ग्राम का होता है।

लक्ष्य को तबाह कर देती है-

रेल गन से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक ताकत से स्टील या धातु के गोले या गोलियां निकलती है, जो अपने निशाने को बुरी तरह तबाह कर देती हैं। रेल गन आम तोपों से अलग है। आम तोप के बैरल से बारूद की आग के दबाव से गोला निकल कर जाता था, लेकिन रेलगन में बारूद की जगह इलेक्ट्रिसिटी और चुंबकीय शक्ति का उपयोग किया जाता है, बारूद का नहीं। इन दोनों शक्तियों के मिलने और प्रतिक्रिया से गोला कई गुना ज्यादा गति से निकलता है। रेल गन पारंपरिक तोपों की तुलना में ज्यादा सुरक्षित है।

Facebook Comments