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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 27 Mar 2023 6:37 PM |   277 views

स्वयंसेवक राष्ट्र के लिए जीता है- डॉ अनुज

 
कुशीनगर -राष्ट्रीय सेवा योजना का स्वयंसेवक अहर्निश सेवाकार्य करता है।हमारा स्वयसेवक 365 दिन 7*24 घंटे कार्य करता है। स्वयंसेवक राष्ट्र के लिए जीता है।राष्ट्र के लिए मरता है। वह समाज का प्रकाश होता है जिससे धरा प्रकाशित होती है।वह समाज में पर्यावरण का रक्षक होता है। वह समाज की बुराइयों को दूर करता है ।हमारा स्वयंसेवक लोगों वैज्ञानिक चेतना का प्रकाश फैलाता है। अंधविश्वास को दूर करने में मदद करता है। समाज को एकजुट करने का कार्य करता है। वह समाज में मूल्यों, परंपराओं और नैतिकता इत्यादि का संरक्षण तथा वाहक होता है। हमारा स्वयंसेवक अपने दैनिक कार्य और कैरियर निर्माण के साथ ही समाज निर्माण और राष्ट्र निर्माण के बारे में न सिर्फ चिंतन करता है बल्कि उसकी समस्याओं के निराकरण हेतु आगे बढ़कर अपना योगदान देता है।
 
उपरोक्त बातें डॉ अनुज कुमार ने राष्ट्रीय सेवा योजना बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुशीनगर द्वारा आयोजित सप्तदिवसीय विशेष शिविर के पांचवें दिन बौद्धिक सत्र में बोलते हुए कही।
 
उन्होंने रक्तदान के महत्व पर अपने विचार रखते हुए बताया कि एक स्वस्थ व्यक्ति को रक्तदान अवश्य करना चाहिए। रक्तदान करने से ब्लड प्रेशर ठीक रहता है। बहुत सारी बीमारियां ब्लड डोनेशन करने से ठीक होती है क्योंकि हमारे संगठन शरीर में कुछ ऐसे टॉक्सिन है जो ब्लड के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवाहित होते हैं।जब हमारे शरीर से ब्लड बाहर आता है तो उसकी जगह पर फ्रेस ब्लड निर्मित होता है। इससे हमारा व्यक्ति के स्वास्थ्य में सुधार होता है।एक भ्रांति है कि ब्लड डोनेशन करने से व्यक्ति कमजोर होता है जबकि सच्चाई यह है कि रक्तदान करने से शरीर पहले से ज्यादा मजबूत और स्वस्थ होता है।
 
मुख्य अतिथि डॉ विश्वम्भरनाथ प्रजापति ने बताया कि समाज में सम्मान के साथ जीने के लिए व्यक्ति की गरिमा को यथोचित सम्मान दिया जाना अतिआवश्यक होता है। वही पर लोकतंत्र सफल है, जिसने हर व्यक्ति की गरिमा अक्षुण्ण रखी है। किसी भी व्यक्ति की जाति, धर्म, क्षेत्र, आर्थिक स्थिति, रंग, लिंग इत्यादि के कारण भेदभाव न करना,उसके साथ समानता का व्यवहार करना, उसकी गरिमा को सम्मान देना, मजबूत और परिपक्व लोकतंत्र में निर्माण के लिए एक आवश्यक तत्व है।
 
किसी समाज की स्थिति के अनुसार ही उसके नागरिकों को विश्वभर में सम्मान मिलता है लेकिन राष्ट्रों की हैसियत के आधार पर उनके बीच भेद न करना उनकी गरिमा को मान देना है।कार्यक्रम का संचालन मानसी प्रिया ने किया।
 
आभार ज्ञापन प्रतिभा दुबे ने किया।आज के शिविर में व्यवस्था बनाए रखने में  प्रतिभा पाठक,आकाश, आदर्श,प्रियांशु तिवारी इत्यादि स्वयंसेवको का विशेष योगदान रहा।
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