Tuesday 23rd of September 2025 11:11:40 AM

Breaking News
  •  22 सितम्बर से लागू होंगी GST की नई दरें ,MRP देखकर ही करे खरीददारी |
  • उत्तराखंड सरकार आपदा प्रभावित धराली के सेब उत्पादकों से उपज खरीदेगी |
  • H-1 B पर खडगे के खोखले नारे बयान पर भड़के पूर्व विदेश सचिव ,किरन रिजिजू ने कांग्रेस को घेरा | 
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 20 Dec 2022 7:30 PM |   566 views

अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (सब्जी फसलें) के स्वर्ण जयंती के अवसर पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी प्रारम्भ

भा.कृ.अनु.प-भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (सब्जी फसलें) के स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्धाटन मुख्य अतिथि  सूर्य प्रताप शाही, मंत्री, कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान, उत्तर प्रदेश सरकार की उपस्थिति में हुआ।

कृषि मंत्री  ने उद्बोधन में सब्जियों तथा फलों का देश खाद्य एवं पोषण सुरक्षा का महत्व बताया। संस्थान के शोध परिणामों के उपयोग से उत्तर प्रदेश सब्जी उत्पादन में देश का प्रथम स्थान पर है। सब्जियों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते हुये विगत वर्षों में सब्जियों का 11 हजार करोड़ रूपये का निर्यात किया गया। अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (सब्जी फसलें) विगत 50 वर्षों में 500 से अधिक किस्में विकसित की गयी है। एपीडा के सहयोग से एफ.पी.ओ. के माध्यम से करोना काल में 3500 मैट्रिक टन सब्जियों का निर्यात किया गया।

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 4 मैगों पैक हाउस का निर्माण किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जैविक जीवनाशी के विकास के लिए संस्थान को 1.5 करोड़ रूपये की सहायता दी गयी है।शाही  ने ऐसे किसानों की जिनकी फसलें कीट एवं बीमारियों के संक्रमण के कारण फसल अवधि पूर्ण होने के पहले नुकसान हो जाता है इस संकट के समाधान के लिये संस्थान द्वारा शोध के लिये सुझाव दिया।

उत्तर प्रदेश में कुल 89 कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से किसानों को प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन, मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण देकर उनकी आय में वृद्धि करने का प्रयास किया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत एवं उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से एग्रो टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिये कृषि की नवीनतम किस्मों एवं तकनीकों को चयनित गाँवों में प्रसार किया जा रहा है।

इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि डा. पंजाब सिंह, कुलाघिपति, रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी ने बताया की हमारा देश 342 मिलियन टन औद्योनिक उत्पादन के साथ चीन के बाद दूसरे स्थान पर है जिसमें सब्जियों का उत्पादन 60 प्रतिशत है। किसानों को आह्वान किया की अपने फसल चक्र में सब्जियों का समावेश कर अपनी आय दुगुना करें।

डा. ए.के. सिंह, उप महानिदेशक (उद्यान विज्ञान), भारतीय कृषि अनुसंघान परिषद, नई दिल्ली ने अतिथियों का स्वागत करते हुए भारत में सब्जी उत्पादन बढ़ाने में भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी की सराहना की। उन्होने बताया विगत 50 वर्षों में अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (सब्जी फसलें) के द्रारा 500 से अधिक किस्में तथा 400 से अधिक सब्जी उत्पादन की तकनीकें विकसित की गयी है।

इस अवसर पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (सब्जी फसलें) से जुड़े वैज्ञानिकों डा. कीर्ति सिंह, डा. विष्णु स्वरूप, डा. गौतम कल्लू को सम्मानित किया गया। संस्थान के निदेशक डा. तुषार कांति बेहेरा ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन करते हुये किसानों की आवश्यकता के अनुरूप शोध करने का आश्वासन दिया।

इस अवसर पर तकनीकी सत्र आयोजित किये गये। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् से जुड़े विभिन्न संस्थानों, राज्य विश्वविद्यालयों, निजी कम्पनियों से सम्बन्धित से 200 से अधिक वैज्ञानिक, छात्र एवं 300 से अधिक किसान सम्मिलित हुए।

Facebook Comments