संस्कार का हैं व्यक्तित्व के निर्माण में अहम योगदान- सचिव इशरत परवीन

जिसमें कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सचिव/सिविल जज सीनियर डिवीजन इशरत परवीन फारूकी ने कहा कि ब्यक्ति के संस्कार ब्यक्तित्व के निर्माण में अहम योगदान देते है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते उन्होने कहा कि समाज में बच्चों के सर्वागीण विकास हेतु शिक्षक/शिक्षिकाओं को मानवीय मूल्यों एंव संस्कार से बच्चों को उनके दायित्व का बोध कराना चाहिये।
सचिव के द्वारा बालिकाओं के मौलिक विधिक अधिकार, पुरूषों के समान अधिकार, भारतीय दण्ड संहिता का धाराओं के अलावा बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006, घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम 2005 यौन हिंसा से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 के बारें में विस्तार से बताया गया।
कार्यक्रम में स्वास्थ विभाग से डीसीपीएम डा0 राजेश कुमार गुप्ता ने सर्वाइकल कैंसर परं छात्राओं के साथ चर्चा किया। उन्होने कहा कि सर्वाइकल कैंसर के प्रति लोंगो को जागरूक करने की जरूरत है। इसके लिए स्वास्थ कर्मियो के साथ आशा कार्यकत्री, आगनवाड़ी को अपने दायित्वो का निर्वहन करना होगा।
परिचर्चा में विद्यालय की प्रधानाचार्या गीता देवी तथा विज्ञान अध्यापिका निशू पाण्डेय एवं अन्य शिक्षिकाओं ने भी अपने विचार ब्यक्त कियें। छात्राओं में प्रीति गोड़, नेहा जायसवाल, शिवानी पाठक, अंजली और भूमि ने बहुत ही अच्छे तरीके से सर्वाइकल कैंसर से होने वाले लक्षणो, कारण तथा उपचार के बारे में प्रकाश डाला।

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