डीएम ने तत्कालीन ग्राम प्रधान से रु 50,000 वसूली का आदेश दिया
कुशीनगर-ग्राम पंचायत विशुनपुरा बुजुर्ग, विकास खण्ड खडडा की वर्ष 2017-18 की लेखा परीक्षा में पायी गई अनियमितताओं के संबंध में जिला लेखा परीक्षा अधिकारी, सहकारी समितियां एवं पंचायतें, कुशीनगर द्वारा अधिभार प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया था। इसमें प्रस्तर संख्या–31 में कुल रु 1,00,000 की सन्निहित धनराशि के दुरूपयोग/अपव्यय की पुष्टि की गई।
उक्त अनियमितताओं के मद्देनज़र जिला पंचायत राज अधिकारी, कुशीनगर द्वारा तत्कालीन ग्राम प्रधान रूखसाना एवं ग्राम पंचायत सचिव राजेश यादव को कारण बताओ नोटिस जारी कर आडिट प्रस्तर पर स्पष्टीकरण माँगा गया था। दोनों द्वारा देय प्रारूप पर आख्या प्रस्तुत की गई, जिसे परीक्षण हेतु जिला लेखा परीक्षा अधिकारी को भेजा गया।
जिला लेखा परीक्षा अधिकारी द्वारा प्रस्तुत परीक्षण आख्या (तिथि 10-11-2025) में ग्राम प्रधान और सचिव द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण को असंतोषजनक पाया गया। लेखा परीक्षा में यह स्पष्ट हुआ कि प्राथमिक विद्यालय में फर्श मरम्मत, रंगाई-पुताई एवं गेट निर्माण के लिए दिनांक 28-02-2018 को दर्शाए गए रु 1,00,000 के खर्च के समर्थन में कोई खरीद दस्तावेज, बिल, दरें, मस्टररोल, कार्यपूर्ति प्रमाणपत्र व स्वीकृतियाँ प्रस्तुत नहीं की गईं।
उपरोक्त अवस्थाओं का गहन परीक्षण करने के बाद जिलाधिकारी/जिला मजिस्ट्रेट महेन्द्र सिंह तंवर ने उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1947 की धारा–27 एवं नियमावली 1947 के नियम–257 के तहत तत्कालीन ग्राम प्रधान श्रीमती रूखसाना से रु 50,000 की वसूली का आदेश जारी किया है, जो दुरूपयोग की गई कुल धनराशि का आधा भाग है।
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया है कि निर्धारित धनराशि 03 माह के भीतर ग्राम निधि प्रथम खाता संख्या–1777000100090907, पंजाब नेशनल बैंक, शाखा सोहरौना (IFSC–PUNB0177700) में जमा की जाए। निर्धारित अवधि में धनराशि जमा न होने पर यह राशि माल गुज़ारी के बकाये की तरह वसूल की जाएगी।
Facebook Comments

