आधुनिक नर्सरी तकनीकों में निपुणता प्राप्त कर रहे किसान
कुशीनगर-स्थानीय किसानों को लाभदायक कृषि उद्यम स्थापित करने हेतु ज्ञान और तकनीकों से सशक्त बनाने के उद्देश्य से नर्सरी प्रबंधन पर पाँच दिवसीय कौशल विकास कार्यक्रम, कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), कुशीनगर में सफलतापूर्वक उद्घाटन हुआ। इस पहल के तहत धुरिया हाता, जमुआन, मंझरिया के किसानो के 25 महत्वाकांक्षी किसानों, जिनमें महिलाएँ भी शामिल थीं, को व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया।ICAR-IIVR, RRS, सरगटिया के मार्गदर्शन में केवीके, कुशीनगर द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री की बढ़ती मांग और स्थायी आय स्रोत के रूप में नर्सरी उत्पादन की संभावना पर चर्चा की गई।
विषय विशेषज्ञों के नेतृत्व में व्यापक पाठ्यक्रम में सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक अनुप्रयोग दोनों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि प्रतिभागियों को आधुनिक नर्सरी संचालन की समग्र समझ प्राप्त हो| किसानों को आवश्यक पहलुओं पर निर्देश प्राप्त हुए, जिनमें स्थान का चयन, मिट्टी की तैयारी, ग्राफ्टिंग विधियां और कीट नियंत्रण रणनीतियां शामिल थीं।
विभिन्न बागवानी फसलों जैसे खजूर, किन्नू, अमरूद और जामुन के लिए प्रमुख प्रसार विधियों पर व्यावहारिक प्रदर्शन आयोजित किए| प्रशिक्षण में ट्रे और मृदा रहित माध्यम (हाइड्रोपोनिक्स) में पौध उत्पादन जैसी उन्नत तकनीकों को शामिल किया गया, जो जलवायु परिवर्तनों और कीटों के दबाव को झेलने में सक्षम स्वस्थ और लचीले युवा पौधों को सुनिश्चित करने में मदद करती हैं।
प्रतिभागियों को संबद्ध कृषि-उद्यमों को अपनाने के लिए प्रेरित किया गया, विशेषज्ञों ने बताया कि किस प्रकार घरेलू उद्यान और वाणिज्यिक नर्सरियां खाद्य सुरक्षा और राजस्व सृजन में योगदान दे सकती हैं।
प्रशिक्षण में क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र के प्रमुख डॉ. पुष्पेंद्र प्रताप सिंह कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. शमशेर सिंह और केंद्र के अन्य वैज्ञानिक डॉ. गंगाराज आर., डॉ. अरुण प्रताप , सुश्री रिद्धि वर्मा, सुश्री श्रुति सिंह, विशाल सिंह , मोतीलाल कुशवाहा आदि उपस्थित रहे|
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