रॉकेट प्रक्षेपण प्रतियोगिता के तीसरे दिन 8 रॉकेट्री और 5 कैनसेट ने भरी उड़ान
कुशीनगर-सेवरही विकासखंड के ग्राम रकबा जंगली पट्टी स्थित जीरो तटबंध किनारे आयोजित चार दिवसीय रॉकेट्री एवं कैनसेट प्रक्षेपण प्रतियोगिता के तीसरे दिन आसमान में उड़ते रॉकेटों और कैनसेट की उड़ान ने सबका मन मोह लिया। विज्ञान की नई तकनीक से लैस इन रॉकेटों को हवा में उड़ते देख ग्रामीणों और विद्यार्थियों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला।
कार्यक्रम का शुभारंभ बुधवार सुबह 7 बजे हुआ, जो शाम तक चलता रहा। इस दौरान कुल 14 रॉकेट लॉन्च किए गए, जिनमें से 13 ने सफलतापूर्वक उड़ान भरी। तकनीकी कारणों से एक रॉकेट उड़ान नहीं भर सका। वहीं, दो रॉकेटों के पैराशूट न खुल पाने के बावजूद उन्हें रिकवरी टीम ने जीपीएस की मदद से सुरक्षित रिकवर कर लिया।
रॉकेट प्रक्षेपण कार्यक्रम इसरो (ISRO), इन-स्पेस (IN-SPACe) एवं एनएसआईएल (NSIL) के वैज्ञानिकों की देखरेख में संपन्न हुआ। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि इस प्रतियोगिता का उद्देश्य विद्यार्थियों में अंतरिक्ष विज्ञान एवं तकनीकी के प्रति रुचि विकसित करना है। उन्होंने कहा कि “यह आयोजन न केवल विज्ञान की समझ बढ़ाता है, बल्कि बच्चों में नवाचार की भावना भी जगाता है।”
कार्यक्रम के दौरान स्थानीय विद्यालयों के विद्यार्थियों — जगदीश पब्लिक स्कूल और द प्रेसिडेंट स्कूल — के छात्रों को प्रक्षेपण प्रक्रिया से अवगत कराया गया। बच्चों ने वैज्ञानिकों से प्रश्न पूछकर तकनीकी जानकारी प्राप्त की और रॉकेट के प्रक्षेपण को प्रत्यक्ष रूप से देखा।स्कूली बच्चों की नवाचारी प्रस्तुतियाँ भी आकर्षण का केंद्र बनीं। नवजीवन मिशन स्कूल पटहेरिया के छात्रों — इरफान अली, मनसब आलम व इमरान अंसारी — ने एयर पॉल्यूशन कंट्रोल तकनीक का मॉडल प्रदर्शित कर सराहना पाई। वहीं आरपीआईसी स्कूल सिसवा बाजार, महाराजगंज की छात्रा कोमल जायसवाल ने महिलाओं की सुरक्षा हेतु तैयार ‘स्मार्ट सैंडल’ का मॉडल प्रस्तुत किया, जिसने सभी का ध्यान आकर्षित किया।
युवा वैज्ञानिकों के इस उत्साहवर्धक प्रयास की सराहना क्षेत्रीय सांसद शशांक मणि त्रिपाठी, इसरो के निदेशक डॉ. विनोद कुमार, उप जिलाधिकारी आकांक्षा मिश्रा एवं सीओ राकेश प्रताप सिंह सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने की।केरल से आए युवा वैज्ञानिकों — अश्विन, आदेश, अरुणेश, परत, नवीन, आकाश एवं आदित्य — ने अपने बनाए कैनसेट मॉडलों से तकनीकी कौशल का अद्भुत प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम स्थल पर ग्रामीणों, विद्यार्थियों और अभिभावकों की भारी भीड़ उमड़ी रही, जिन्होंने भारत के भविष्य वैज्ञानिकों को उड़ान भरते देख तालियों से स्वागत किया।
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