Wednesday 29th of October 2025 05:25:22 AM

Breaking News
  • महागठबंधनने जारी किया “बिहार का तेजस्वी प्रण , हर परिवार के एक सदस्य को sarkari नौकरी का वादा |
  • आंध्रप्रदेश में मोंथा का लैंडफॉल ,90-100 किलोमीटर/घंटा से चल रही हवाएं |
  • दो वोटर कार्ड मामले में फंसे प्रशांत किशोर |
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 28 Oct 2025 8:00 PM |   15 views

नर्सरी एवं कृषि फार्मिंग से आत्मनिर्भरता की ओर कदम

अमेठी। जनपद अमेठी में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के अंतर्गत महिलाओं द्वारा स्वरोजगार एवं आत्मनिर्भरता की दिशा में किए जा रहे प्रयास अब प्रेरणादायक परिणाम दे रहे हैं। डीएम संजय चौहान एवं सीडीओ सूरज पटेल के मार्गदर्शन में जनपद में महिला स्व-सहायता समूहों (SHGs) की गतिविधियाँ तेज़ी से विस्तार पा रही हैं, जिससे ग्रामीण महिलाएँ आर्थिक, सामाजिक एवं पारिवारिक स्तर पर सशक्त हो रही हैं।
 
घोरहा ग्राम पंचायत की आराधना सिंह बनीं प्रेरणास्रोत-
विकास खंड भादर की ग्राम पंचायत घोरहा निवासी आराधना सिंह, जो राधेरानी स्वयं सहायता समूह एवं अमर संकुल संघ से जुड़ी हैं, ने ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं के लिए नई दिशा निर्धारित की है।
पूर्व में जहाँ इस ग्राम पंचायत में महिलाएँ समूहों से जुड़ने में संकोच करती थीं, वहीं आराधना सिंह ने उस धारणा को तोड़ते हुए आगे कदम बढ़ाया। उन्होंने नर्सरी विकास, कृषि फार्मिंग एवं सब्ज़ी उत्पादन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर अन्य महिलाओं के लिए मिसाल कायम की है।
 
समूह से पहले की स्थिति — संघर्ष और सीमाएँ-
समूह से जुड़ने से पूर्व आराधना सिंह का परिवार आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहा था। घरेलू आय सीमित थी, बच्चों की शिक्षा और परिवार के दैनिक खर्च पूरे करना कठिन हो रहा था। ग्रामीण परिवेश में महिलाओं के रोजगार की संभावनाएँ सीमित थीं, जिसके कारण उन्हें सामाजिक ताने और आर्थिक निर्भरता का सामना करना पड़ता था।
 
समूह से जुड़ने के बाद परिवर्तन — आत्मविश्वास और आर्थिक स्वतंत्रता
राधेरानी स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद आराधना सिंह ने अपने कार्यों की दिशा बदल दी।
उन्होंने नर्सरी स्थापना, कृषि फार्मिंग और मौसमी सब्ज़ी उत्पादन शुरू किया, जिससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए भी रोजगार के अवसर सृजित हुए। वर्तमान में आराधना अपने समूह की अन्य महिलाओं को भी प्रशिक्षण एवं कार्य के अवसर प्रदान कर रही हैं, जिससे उन्हें मासिक आमदनी प्राप्त हो रही है। अब आराधना अपने परिवार के साथ-साथ समाज में भी सम्मान का स्थान अर्जित कर चुकी हैं।
 
महिला सशक्तिकरण का अमेठी मॉडल-
मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल ने बताया कि जनपद में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के अंतर्गत प्रत्येक विकासखंड में महिलाओं को स्वावलंबन की दिशा में अग्रसर करने के लिए प्रशिक्षण, ऋण सहायता एवं विपणन सहयोग उपलब्ध कराया जा रहा है।
 
उन्होंने कहा कि “आराधना सिंह जैसी महिलाएँ ग्रामीण भारत की सशक्त पहचान हैं, जो अपनी मेहनत और लगन से न केवल अपनी स्थिति सुधार रही हैं, बल्कि अन्य महिलाओं को भी आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रही हैं। जिलाधिकारी संजय चौहान ने कहा कि “महिलाओं की भागीदारी के बिना ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ नहीं हो सकती। प्रशासन का उद्देश्य है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में महिला समूह सक्रिय रूप से आत्मनिर्भर भारत की भावना को सशक्त करें।”
 
अमेठी में महिला स्वयं सहायता समूह अब सिर्फ वित्तीय सहयोग का माध्यम नहीं, बल्कि सशक्तिकरण, नेतृत्व और आत्मनिर्भरता की पहचान बन चुके हैं।
 
आराधना सिंह जैसी महिलाएँ यह सिद्ध कर रही हैं कि दृढ़ इच्छाशक्ति, उचित मार्गदर्शन और प्रशासनिक समर्थन से ग्रामीण भारत की महिलाएँ विकास की मुख्यधारा में अग्रणी भूमिका निभा सकती हैं।
Facebook Comments