आत्मनिर्भर भारत–आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश शताब्दी संकल्प @2047 कार्यशालाओं का किया गया आयोजन

पहले चरण में राजकीय इंटर कॉलेज, देवरिया के सभागार में महाविद्यालय के स्नातक एवं परास्नातक वर्ग के 100 विद्यार्थियों एवं शिक्षकों की कार्यशाला संपन्न हुई। दूसरे चरण में जनपद के प्रमुख व्यवसायी एवं उद्यमियों के साथ विचार-विमर्श किया गया।
तीसरे चरण में कलेक्ट्रेट के नवीन सभागार में स्वयंसेवी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं एवं प्रतिनिधियों के साथ कार्यशाला आयोजित की गई। चौथे चरण में विकास भवन के गांधी सभागार में श्रमिक संगठनों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों से संवाद हुआ। इसके उपरांत प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक एवं सोशल मीडिया प्रतिनिधियों के साथ कार्यशाला आयोजित की गई।
कार्यशालाओं में अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति एवं जीवन शक्ति की थीम तथा मिशन–समग्र विकास, आर्थिक नेतृत्व और सांस्कृतिक पुनर्जागरण पर विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही चिन्हित 12 सेक्टरों—कृषि एवं संबद्ध, पशुधन संरक्षण, औद्योगिक विकास, आईटी एवं इमर्जिंग टेक्नोलॉजी, पर्यटन, नगर एवं ग्राम्य विकास, अवस्थापना, संतुलित विकास, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा तथा सुरक्षा एवं सुशासन—के विषय में सरकार की दृष्टि प्रस्तुत की गई।
इस अवसर पर उपस्थित प्रबुद्धजनों ने सुझाव दिए कि प्रदेश को विकसित एवं आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में किस प्रकार आगे बढ़ा जा सकता है। साथ ही नागरिकों से अपील की गई कि वे निर्धारित क्यूआर कोड के माध्यम से अधिक से अधिक सुझाव दें तथा अपने आसपास के लोगों को भी प्रेरित करें।

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