बेखौफ वन माफिया धड़ल्ले से चला रहे हैं प्रतिबंधित पेंड़ों पर आरा
गोण्डा।जिले के नवाबगंज क्षेत्र में वन माफिया बेखौफ होकर हरे पेंड़ों पर आरा चला रहे हैं।जिन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नहीं है।बता दें कि, वन क्षेत्राधिकारी के रूप में अभिषेक सिंह ने जब रामगढ़-टिकरी रेंज में मोर्चा संभाला था तो हरे और प्रतिबंधित पेड़ों की कटान थम गई थी। अवैध आरा मशीन संचालकों ने वन विभाग की कड़ी कार्रवाई के चलते मशीनें स्वयं ही उखाड़ ली थी जो बचीं थी उसे वन विभाग ने उखाड़ दी।
लेकिन बीते कुछ माह से अवैध लकड़ी के बाजार में हरियाली छाने लगी है। अब इसे वन विभाग की लापरवाही कहें या वन माफियाओं से वन कर्मियों की सेंटिग एक बार फिर से क्षेत्र में हरे और प्रतिबंधित पेड़ों की कटान चरम पर है वहीं अवैध आरा मशीनों के आरे फिर चिघ्घाडने लगे हैं।
बीते दिनों क्षेत्र के गोपालपुर हाऊस अशोकपुर , दुर्जनपुर और गेडसर में वन माफिया दिन दहाड़े 04 पेड़ गूलर और 03 पेड़ जामुन काट कर उठा ले गये थे। इन मामलों में वन क्षेत्राधिकारी अभिषेक सिंह ने कारवाई किए जाने का दावा किया था वहीं सूत्रों की मानें तो कोई कारवाई नहीं की गई है।
ताजा मामला क्षेत्र के शाहपुर गांव के फिदायी पुर का है। गांव के ही संगम लाल पुत्र गुरु प्रसाद के खेत में लगे दर्जनों सागौन के हरे पेड़ों को वन माफिया काटकर उठा ले गये लेकिन वन विभाग को कानों-कान खबर नहीं हुई। जबकि इस मामले में वन माफियाओं द्वारा शनिवार और रविवार बिना परमिट के लगातार 02 दिन अवैध कटान की गई।
खेत मालिक संगम लाल ने बताया कि उन्होंने खेत में लगे 14 सागौन के पेड़ किशुनदास पुर निवासी मदन वर्मा को बेच दिये थे। वहीं गांव के लोगों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि शाहपुर गांव निवासी मोतीलाल बढई ने मौके पर खड़े होकर अवैध कटान कराई है। मौके पर करीब 20 सागौन के पेड़ काटे गए हैं और उनकी जड़ों को घास और पत्तियों से ढक दिया गया है। इस संबंध में जब वन क्षेत्राधिकारी अभिषेक सिंह से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका नंबर बंद था।
इस संबंध वन संरक्षक मनोज सोनकर कहा कि दिखावा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि डीएफओ से शिकायत करिये।
