किसान श्याम तिवारी बने आत्मनिर्भर, मधुमक्खी पालन से कमा रहे लाखों

जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी के मार्गदर्शन में मिला प्रोत्साहन-
श्याम तिवारी को समाचार पत्रों और उद्यान विभाग अमेठी के अधिकारियों से जानकारी मिली कि मधुमक्खी पालन के लिए सरकार अनुदान भी देती है। जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी के मार्गदर्शन में उन्हें उद्यान विभाग के अधिकारियों से आवश्यक जानकारी और प्रशिक्षण मिला। इसके बाद उन्होंने रु2.20 लाख की लागत से 50 सेट मौनवंश/मौनगृह व उपकरण खरीदे और अपने बाग में मधुमक्खी पालन की शुरुआत की।
प्रत्येक 15 दिन में 2-2.5 क्विंटल शहद का उत्पादन-
श्याम तिवारी के अनुसार, उनके मधुमक्खी पालन से हर 15 दिन में 2 से 2.5 क्विंटल शहद का उत्पादन हो रहा है, जो बाजार में रु12,000 से रु16,000 प्रति क्विंटल की दर से बिकता है। इससे उन्हें प्रतिमाह रु32,000 से रु40,000 की आय हो रही है। इस प्रकार, उन्होंने एक वर्ष में लगभग रु3.5 लाख तक की अतिरिक्त आय अर्जित की और अपने आर्थिक संकट से बाहर आने में सफलता प्राप्त की।
जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी का संकल्प-
मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल ने कहा, “राष्ट्रीय कृषि विकास योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है। अमेठी में इस योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाया जा रहा है। मधुमक्खी पालन जैसी नई तकनीकों को अपनाकर किसान अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं। प्रशासन इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है।”
सरकारी अनुदान से मिली सहायता-
श्याम तिवारी को उद्यान विभाग के माध्यम से अनुदान भी प्रदान किया गया, जिससे उन्हें आर्थिक सहायता मिली और मधुमक्खी पालन व्यवसाय को और विस्तार देने में मदद मिली। जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी के निर्देशन में जिले में कृषि आधारित योजनाओं को बढ़ावा देने का कार्य जारी है।
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