एग्रोविज्ञान फार्म्स: सुरक्षित खेती का नया आयाम

यह आयोजन रापड़िया ग्राम, कटारा हिल्स के पास स्थित एग्रोविज्ञान फार्म्स में हुआ, जहाँ भोपाल फूड लवर्स ग्रुप से जुड़े लगभग 50+ प्रकृति-प्रेमी नागरिकों ने भाग लिया। प्रतिभागियों को तीन बैच में फार्म का विस्तृत दौरा कराया गया, जहाँ उन्होंने खेती की नवीनतम तकनीकों का अनुभव लिया।
इस दौरान, खेत में उगाई गई ताज़ी और जैविक सब्ज़ियों—गोल्डन जुखिनी, लाल और हरी सलाद पत्ता, पाकचोई, चाइनीज पत्तागोभी, चेरी टमाटर, छप्पन कद्दू, सोआ साग, देशी मीठी मटर, स्वीट कॉर्न, गाँठ गोभी और रंग-बिरंगे गोभी जैसी देशी -विदेशी सब्जियों को देखा और उनके उत्पादन प्रक्रिया को समझा।
प्राकृतिक खेती के उन्नत तरीके-
इस फार्म विजिट का मुख्य आकर्षण खेती की पारंपरिक और नवीनतम तकनीकों का संयोजन रहा। किसानों ने सूक्ष्म जीव, स्टिकी ट्रैप, मिश्रित एवं सघन बागवानी और ड्रोन तकनीक जैसी आधुनिक कृषि विधियों का प्रदर्शन किया, जिससे जैविक खेती को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।
इस पहल के तहत बिना किसी बिचौलिए के ताज़ी और शुद्ध सब्जियाँ सीधे उपभोक्ताओं तक पहुँचाने की योजना को काफी सराहा गया। शहरवासियों को यह अनुभव खासा पसंद आया कि वे स्वयं खेतों में जाकर यह देख सके कि उनके लिए सब्जियाँ कैसे उगाई जाती हैं। बच्चों के लिए यह विजिट विशेष रूप से ज्ञानवर्धक रही, जहाँ उन्होंने खेती के प्राकृतिक तरीके समझे और स्वस्थ आहार की महत्ता जानी।
शहरवासियों की सकारात्मक प्रतिक्रिया-
शहर के उपभोक्ताओं ने इस आयोजन को बेहद उत्साहपूर्वक अपनाया और ताज़ी सब्जियों को खरीदने और उपभोग करने में गहरी रुचि दिखाई। कई परिवारों ने इस पहल को अपने बच्चों की सेहत के लिए वरदान बताया और भविष्य में भी इस तरह के आयोजनों में भाग लेने की इच्छा जताई।
डॉ. शुभम कुलश्रेष्ठ और प्रतीक पाटीदार की यह पहल जहरमुक्त खेती और सीधे उपभोक्ता तक उत्पाद पहुँचाने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है। रापड़िया ग्राम, कटारा हिल्स के पास स्थित एग्रोविज्ञान फार्म्स का यह मॉडल न केवल स्वस्थ जीवनशैली को प्रोत्साहित कर रहा है, बल्कि किसानों और उपभोक्ताओं के बीच एक सीधा और पारदर्शी संबंध स्थापित करने में भी सहायक सिद्ध हो रहा है।
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