पूर्व विधायक भूलई भाई को मरणोपरांत मिला पद्मश्री पुरस्कार

जनपद के कप्तानगंज तहसील के पगार छपरा गांव के रहने वाले श्री नारायण उर्फ भुलई भाई का जन्म 1 नवम्बर 1914 को हुआ था।पैतृक गांव में प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद गोरखपुर स्थित सेंट एंड्रयूज कॉलेज से हाइ स्कूल,इंटर और गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीएड और एम एड की डिग्री हासिल की।इसके बाद भुलई भाई बेसिक शिक्षा अधिकारी बन गए। बचपन से ही भुलई भाई जनसंघ से प्रभावित थे | जिसके चलते उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ दिया और राजनीति में आ गए।
श्री नारायण उर्फ भुलई भाई 1974 से 1980 तक कुशीनगर के नौरंगिया क्षेत्र से दो बार विधायक रहे।भुलई भाई जनसंघ उस वक्त के विधायक रहे जब पूरे देश केवल दो विधायक जीते थे।राजनीतिक सुचिता और निष्ठा क्या होती है? यह भुलई भाई के जीवन से सीखा जा सकता है।
पार्टी के प्रति प्रतिबद्धता और निष्ठा का जीता जगता उदाहरण होने के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद फोन करके भुलई भाई का हाल-चाल ले चुके हैं।देश के गृह मंत्री अमित शाह से लेकर लगभग सभी बड़े नेताओं ने भुलई भाई से मुलाकात की है और उन्हें सम्मानित भी किया है।
111 वर्ष के उम्र में नारायण उर्फ भुलई भाई की 31अक्टूबर 2024 को मृत्यु हो गई थी। भुलई भाई की मृत्यु के बाद संघ संचालक मोहन भागवत , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के कई बड़े नेताओं ने शोक संदेश जारी किया था।केंद्र सरकार ने भुलई भाई मरणोपरांत पद्मश्री पुरस्कार देने की घोषणा की है जिसके बाद लोगों में हर्ष का माहौल है।
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