01 दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया

उन्होंने उद्यान विभाग की विभिन्न योजनाओं, जैसे आरकेवीवाई, एमआईडीएच, पीएमकेएसवाई, पीएमएफएमई योजना आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि “पर ड्रॉप मोर क्रॉप” सिंचाई प्रणाली से पानी की बचत कैसे की जा सकती है और उत्पादन कैसे बढ़ाया जा सकता है?
उद्यान निरीक्षक पत्रिका सिंह ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत किसानों को दिए जाने वाले अनुदान के बारे में जानकारी दी। वहीं, सुशील कुमार शर्मा, वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक ने विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की।
कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मान्धाता सिंह ने आम, अमरूद, केला और पपीता जैसी फसलों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत ड्रिप इरिगेशन प्रणाली अपनाने की सलाह दी।
कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. रजनीश श्रीवास्तव ने ड्रैगन फ्रूट और केले की खेती के संबंध में जानकारी देते हुए टपक सिंचाई प्रणाली को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे कम समय और कम लागत में खेती की सिंचाई की जा सकती है।
डॉ. कमलेश मीना ने औद्यानिक फसलों पर चर्चा की। मेसर्स सिग्नेट इंडस्ट्रीज के इंजीनियर रामेश्वर यादव ने ब्रिए, मिनी और पोर्टेबल स्प्रिंकलर के उपयोग और उनके लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

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