नंदरतन महाथेरो को म्यांमार सरकार प्रतिष्ठित पुरस्कार ‘सद्धम्मजयोतिकाधज’ से सम्मानित करेगी
म्यांमार सरकार ने श्रीलंका बुद्ध बिहार के बिहाराधिपति भिक्खू (डॉ) नंदरतन महाथेरो को देश के प्रतिष्ठित पुरस्कार ‘सद्धम्मजयोतिकाधज’ से सम्मानित करने की घोषणा की है।यह पुरस्कार म्यांमार सरकार के धार्मिक मामलों और संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्रदान किया जाएगा।
बुद्ध धर्म के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्ति को म्यांमार सरकार द्वारा प्रदान जाने वाला यह सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है।ज्ञातव्य हो कि भिक्खू (डॉ) नंदरतन महाथेरो श्रीलंका बुद्ध बिहार कुशीनगर के अधिपति हैं।
आप ‘अशोक वेलफेयर सोसाइटी’ के माध्यम से समाज में शिक्षा के प्रचार प्रसार का कार्य करते हैं। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से डॉक्टरेट भिक्खू नन्दरतन महाथेरो पाली भाषाके प्रचार-प्रसार में लगे हुए है। आपने ‘पाली सोसायटी ऑफ इंडिया’ के सचिव के रूप में पाली भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों का आयोजन किया है।
पाली भाषा में प्रकाशित होने वाली देश की एकमात्र पत्रिका ‘पालि पटिपदा’ के संपादक है।आप पूर्व में ‘अंतर्राष्ट्रीय बौद्घ शोध संस्थान’ गोमतीनगर, लखनऊ के चेयरमैन रह चुके हैं।आपने अपना पूरा जीवन बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार हेतु समर्पित कर दिया है।
भिक्खू (डॉ) नंदरतन महाथेरो उदारमना हृदय, करुणा से परिपूर्ण व्यक्तित्व और बौद्ध धर्म गुरु के रूप समाज में प्रतिष्ठित है। समाज में ऐसे कम संत है जो धर्म साधना के साथ साथ शिक्षा के प्रचार प्रसार के कार्य में भी पूरे मनोयोग से सलग्न है।
ऐसे बहुमुखी व्यक्तित्व के स्वामी भिक्खू डॉ नंदरतन महाथेरो को म्यांमार देश का प्रतिष्ठित पुरस्कार दिए जाने पर कुशीनगर भिक्खू संघ में हर्ष की लहर व्याप्त है।इस अवसर पर भंते अशोक,भंते आलोक,भंते तेजेंद्र ने आदि बधाई देते हुए खुशी व्यक्त किया है।
म्यांमार सरकार द्वारा प्रतिष्ठित पुरस्कार हेतु चयनित किए जाने पर भिक्खू (डॉ) नंदरतन महाथेरो ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहाकि इससे उनके द्वारा धम्म के प्रचार प्रसार हेतु किए कार्यों को प्रतिष्ठा मिली है। यह पुरस्कार उन्हें दुगुनी ऊर्जा के साथ कार्य करने हेतु प्रेरणा प्रदान करेगा।