98वें बलिदान दिवस पर याद किये गये अमर शहीद राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी

लाहिड़ी के बलिदान दिवस पर अमर शहीद को बतौर मुख्य अतिथि आयुक्त, देवीपाटन मंडल तथा गणमान्य नागरिकों, अधिवक्ताओं तथा समाजसेवियों द्वारा श्रृद्धासुमन अर्पित किए गए। जिला कारागार में हवन-पूजन करने के उपरान्त जनपद न्यायाधीश, डीएम, एसपी, एडीएम, सीआरओ, नगर मजिस्ट्रेट, एसडीएम सदर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने जेल परिसर में लाहिड़ी जी के बलिदान स्थल पर स्थापित प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए तथा उनकी शहादत को याद किया। अमर शहीद लाहिड़ी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के उपरान्त लाहिड़ी जी को सलामी दी गई और राष्ट्रगान की धुन बजाई गई। श्रद्धान्जलि सभा एवं सलामी के उपरान्त आयोजित समारोह में सर्वधर्म समभाव के तहत सभी धर्मों के धर्म गुरूओं द्वारा शांति किया गया।
इस अवसर पर लाहिड़ी के जीवन एवं बलिदान पर प्रकाश डालते हुए जिलाधिकारी ने अमर शहीद लाहिड़ी के अन्तिम वाक्य ‘‘मैं मरने नहीं जा रहा, अपितु आजाद भारत में पुनर्जन्म लेने जा रहा हूं’’ दोेहराते हुए कहा कि लाहिड़ी जी का जीवन राष्ट्र प्रेम का एक जीवन्त उदाहरण है। हम सबको उनसे प्रेरणा लेते हुए देश हित के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना चाहिए, यही लाहिड़ी जी के लिए सच्ची श्रध्दाजलि होगी।
मुख्य राजस्व अधिकारी ने कहा कि लाहिड़ी जी जैसे व्यक्तित्व और सच्चे राष्ट्र भक्तों के बलिदानों के कारण ही हम सब भारतीय आज आजाद भारत में सांस ले पा रहे हैं। उन्होंने लोगों का आहवान करते हुए कहा कि इस अवसर पर हम सबको निःस्वार्थ भाव से राष्ट्र सेवा का संकल्प लेना चाहिए और आजादी के दीवानों के सपनों का भारत बनाने में अपना योगदान करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश को गुलामी की दास्तां से मुक्ति दिलाने के लिए 26 वर्ष की उम्र में अपने देश के लिए फांसी के फन्दे को हंसते हुए चूमने वाले अमर शहीद राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी जी का सम्पूर्ण जीवन प्रेरणा से भरा हुआ है।
आयोजित समारोह में आयुक्त देवीपाटन मण्डल गोण्डा, जनपद न्यायाधीश, जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक ने जनपद के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राम अचल आचार्य सहित अन्य सेनानियों के परिजनों को माला पहनाकर व अंगवस्तत्र भेंटकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम विद्यालय के बच्चों एवं अन्य लोगों सहित अन्य स्कूल के छात्र-छात्राओं तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं देश भक्ति गीत का प्रस्तुतीकरण किया गया।

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