भोजपुरी पुनर्जागरण मंच गोपालगंज जनपद इकाई का गठन किया गया

विषय था, माटी, माई और संस्कृति, संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि कैप्टन वीरेंद्र सिंह ने कहा कि भोजपुरी हमारी मातृभाषा है, दुनिया की सबसे समृद्ध भाषा है इसको संवैधानिक दर्जा मिलना चाहिए। भोजपुरी पुनर्जागरण मंच इसके लिए प्रयत्नशील है। हम सभी लोगों का दायित्व है कि इस पवित्र कार्य में अपना तन मन धन से सहयोग करें। जनगणना के समय मातृभाषा के कॉलम में अपनी मातृभाषा भोजपुरी को अवश्य लिखें।
भोजपुरी पुनर्जागरण मंच के अध्यक्ष नरसिंह ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि जीव की क्रमिक विकास यात्रा अंधकार से प्रकाश की ओर, बंधन से मुक्ति की ओर तथा अपूर्णता से पूर्णता की ओर है। इस यात्रा मेंप्रत्येक जीव को विकास के अनुरूप अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रकृति प्रदत्त है, जीव को बोलने की जो स्वाभाविक भाषा है उसी को मातृभाषा कहते हैं।
मनुष्य सभी प्राणियों में विकसित प्राणी है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य अपनी मातृभाषा में सहजता से अभिव्यक्त करता है, स्वतंत्रता की पहली शर्त है सभी लोगों की मातृभाषा की सामाजिक और संवैधानिक मान्यता प्राप्त हो,। यदि किसी आंचल की मातृभाषा पर किसी दूसरी भाषा को थोपा जाता है तो इसे और मानवीय,असामाजिक, कहा जाएगा।
मातृभाषा का अवदमन मनुष्य के सभी प्रकार की शोषण का दरवाजा खोल देता है। उस प्रक्षेत्र के लोगों का सामाजिक बौद्धिकऔर आत्मिक विकास अवरूद्ध हो जाता है।स्वतंत्रता की पहली शर्त है मातृभाषा की संवैधानिक मान्यता। यह भाषाई आंदोलन हमारे सामाजिक आर्थिक और संस्कृतिक आंदोलन की धार को तेज करेगा | हजारों साल से मातृभाषाओं के अवदमन के नापाक खेल पर विराम लग जाएगा।
इस संगोष्ठी में भोजपुरी पुनर्जागरण मंच गोपालगंज जनपद इकाई का सर्वसम्मत से गठन किया गया| जिसमें संरक्षक नवीन चंद्र सिंह, अध्यक्ष रविंद्र सिंह, उपाध्यक्ष अजीत कुमार सिंह, अजय कुमार राम, जिला मंत्री दिनेश सिंह, संगठन मंत्री धर्मेंद्र राम, कोषाध्यक्ष परमानंद परदेशी, संयुक्त मंत्री नागेंद्र सिंह, मीडिया प्रभारी संतोष कुमार, युवा प्रकोष्ठ के प्रभारी धर्मेंद्र पांडे, महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष प्रेमलता गुप्ता उर्फ लवली गुप्ता, मार्गदर्शक मंडल में काशीनाथ सिंह को सदस्य के रूप में निर्वाचित किया गया|
इस संगोष्ठी का संचालन प्रोफेसर रविंद्र यादव ने किया। संत शिरोमणि भोजपुरी सम्राट सुखनंदन यादव व्यास के द्वारा लिखी गई पुस्तक सरस रामायण का विमोचन भी किया गया।
इस संगोष्ठी को प्रभावती देवी, प्रेमलता गुप्ता, संजय, संतोष कुमार आदि लोगों ने संबोधित किया|
अपने अध्यक्षीय संबोधन में अजीत कुमार सिंह ने कहा कि हम आप सभी लोगों के आभारी हैं कि इस पवित्र कार्य में आप सभी लोगों की इतनी लगन और जागरूकता है।
इस अवसर पर जयराम गुप्ता, रविंद्र कुमार सिंह ,रामनरेश सिंह, मनोज कुमार, प्रभु नाथ प्रसाद,सुभाष कुशवाहा, राजेश कुमार सिंह, केएस वर्मा, परमानंद सिंह, सुभाष पांडे, पंकज, रामायण सिंह, दिवाकर प्रसाद यादव, बबली सिंह, संगीता कुमारी, रामवती कुमारी, खुशी कुमारी, बंदना गुप्ता, हृदय आनंद सिंह, विकास मुकेश यादव, अमरनाथ सैनी, दिवाकर प्रसाद यादव मकसूद अहमद, , अंबिका, आदि लोग उपस्थित थे|
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