भारत के प्रत्येक नागरिक में कर्तव्य बोध समाहित हैं-प्रो० हरीश कुमार

उन्होने कहा कि पंच प्राण में विकसित भारत की आकांक्षाएं, दासता की मानसिकता का उन्मूलन, अपनी परंपराओ पर गर्व, एकता और अखंडता के प्रति समर्पण तथा प्रत्येक नागरिक में कर्तव्य बोध समाहित हैं यह भारत के प्रति प्रेम का बोध है।
राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ० योगेन्द्र सिंह ने कहा कि प्राण, अपान, समान, उदान और व्यान है यह सभी शरीर के अलग-2 अंगों के साथ-2 शरीर के कार्यों को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार है। लेकिन औपनिवेशिक मानसिकता के निशान को भारत से मिटाना है अपनी विरासत पर मुझे गर्व करना है।
डॉ० अभिषेक कुमार ने कहा कि ईमानदारी के साथ नागरिक कर्तव्यों को पूरा करना एवं एकता के साथ रहना पंच प्राण प्रतिज्ञा है । जिसमें हमें भारत के विकास के साथ – 2 जोड़ कर देखना चाहिए।
इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकगण एवं छात्राएं उपस्थित रहे।
Facebook Comments