पेरिस पैरालंपिक में शॉट पुट में सचिन खिलारी ने जीता रजत पदक
पेरिस पैरालंपिक 2024 में शानदार प्रदर्शन करते हुए सचिन खिलारी ने पुरुषों के शॉट पुट एफ46 फाइनल में रजत पदक जीतकर पैरालंपिक में भारत की शान में में एक नया अध्याय जोड़ा है। इस श्रेणी में दिव्यांग, कमज़ोर हो चुकी मांसपेशियों या ऊपरी अंग की खराबी वाले एथलीट शामिल होते हैं।
सचिन ने इस बार 16.32 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ न केवल भारत के लिए 21वां पदक जीता , बल्कि एक नया एशियाई रिकॉर्ड भी बनाया। पेरिस पैरालंपिक में इस उपलब्धि के साथ भारत अब तक 10 रजत पदक जीत चुका है। वैश्विक पैरालंपिक मंच पर भारतीय खिलाडियों का बेहतरीन प्रदर्शन खेल जगत में देश की मजबूत होती स्थिति को भी परिलक्षित करता है ।
सचिन खिलारी का जन्म 23 अक्टूबर 1989 को महाराष्ट्र के सांगली जिले के करगनी गांव में हुआ। अपने स्कूल के वर्षों के दौरान एक दुखद दुर्घटना के बाद सचिन के जीवन में एक चुनौतीपूर्ण मोड़ आया, जिसमें वह अपने बाएं हाथ से दिव्यांग हो गए। हालांकि, सचिन ने अपनी दिव्यांगता को अपनी सफलता की ताकत बनाया। उन्होंने साल 2015 में पैरा खेलों से जीवन की एक नयी शुरुआत की। वर्ष 2017 तक, जयपुर में राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर पहले ही वे अपनी असाधारण प्रतिभा का परिचय दे चुके थे। इस शुरुआती सफलता से उत्साहित होकर सचिन कोच सत्यनारायण के सम्पर्क में आये । कोच सत्यनारायण ने सचिन के कौशल को तराशने, उनको नियमित अभ्यास और प्रशिक्षण देकर साल 2019 तक होनहार एथलीट बनाने में अहम भूमिका निभाई।
शिक्षा के साथ खेल को संतुलित करते हुए, सचिन ने एक मैकेनिकल इंजीनियर के रूप में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया । यही नहीं, उन्होंने विजिटिंग फैकल्टी के रूप में छात्रों को एमपीएससी और यूपीएससी परीक्षाओं की तैयारी करवाने में अपना योगदान दिया । सचिन, अपनी मां के खोने और एक साइकिल दुर्घटना (जिस कारण उन्हें कई असफल सर्जरी से गुजरना पड़ा) जैसे व्यक्तिगत संघर्षों के बावजूद अपने पिता के प्रोत्साहन और अटूट दृढ़ संकल्प की बदौलत खेल और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट भूमिका निभा रहें है।
सचिन खिलारी की उल्लेखनीय उपलब्धियां पैरा-एथलेटिक्स में शीर्ष पर पहुंचने के को आगे बढ़ाती हैं। राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में पांच स्वर्ण पदक जीत कर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का परिचय पहले ही दे चुके हैं । उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पहली बार साल 2022 में एशियाई पैरा खेलों में स्वर्ण पदक जीत कर सफलता का परचम लहराया।
उन्होंने 2023 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी सफलता जारी रखी, जहां उन्होंने एशियाई रिकॉर्ड भी बनाया। हाल ही में, 2024 में, उन्होंने विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में एक और स्वर्ण पदक जीता । अब उन्होंने पेरिस पैरालंपिक में पुरुषों की शॉट पुट एफ46 स्पर्धा में रजत पदक प्राप्त किया है, जिससे विश्व स्तर पर एक शीर्ष पैरा-एथलीट के रूप में उनकी स्थिति और मजबूत हो गई है।
सरकार का समर्थन और सहायता
सचिन के सफल एथलिट बनने में भारत सरकार की ओर से भी अथक प्रयास किये गए हैं । उन्हें विशेष उपकरणों की खरीद के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई है ताकि खेलों में बेहतर प्रदर्शन के लिए संसाधनों की कोई कमी न हो । इसके अतिरिक्त, सचिन को टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) के तहत आउट-ऑफ-पॉकेट भत्ते का लाभ मिला है । उन्हें इस सरकारी सहायता से प्रशिक्षण और प्रतियोगिता संबंधी विभिन्न खर्चों को वहन करने में मदद मिली है।
पैरालंपिक में रजत पदक जीतने पर प्रधानमंत्री ने बधाई दी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सचिन खिलारी को पेरिस पैरालंपिक 2024 में पुरुषों की शॉट पुट एफ46 स्पर्धा में रजत पदक जीतने पर बधाई दी। एक्स पर एक पोस्ट में, प्रधानमंत्री ने कहा, “पैरालंपिक 2024 में उनकी अविश्वसनीय उपलब्धि के लिए सचिन को बधाई| शक्ति और दृढ़ संकल्प के उल्लेखनीय प्रदर्शन में, उन्होंने पुरुषों की शॉट पुट एफ46 स्पर्धा में रजत पदक जीता है। भारत को उन पर गर्व है।
-PIB