एड्स पर नियंत्रण जागरूकता से ही संभव-पटारिया
कुशीनगर-भारत में एड्स महामारी का रूप ले चुका है। इस पर पर नियंत्रण जागरूकता से ही संभव है। भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा अभियान 4 की बात एड्स के खिलाफ जन जागरूकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण अभियान है। एड्स की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कुशीनगर जनपद में 3000 से ज्यादा पंजीकृत एड्स रोगी हैं।इसमें युवाओं की संख्या लगभग 40 प्रतिशत है।
उपरोक्त बातें जिला एड्स नियंत्रण समिति कुशीनगर और राष्ट्रीय सेवा योजना बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुशीनगर द्वारा आयोजित जागरुकता रैली और संगोष्ठी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कुशीनगर डॉ सुरेश पटारिया ने मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कही।
उन्होंने बताया कि एड्स का अभी भी इलाज नहीं है।एक बार हो जाने के बाद ताउम्र इसी के साथ जीना पड़ता है।हालांकि चिकित्सा पद्धति ने इतनी प्रगति कर ली है कि एड्स के रोगी दवाओ के सहारे सामान्य जीवन जी सकते हैं।
विशिष्ट अतिथि कुशीनगर नगर पालिका अध्यक्ष के प्रतिनिधि राकेश जायसवाल ने बताया कि एड्स के खिलाफ चलाए जा रहे स्वयंसेवी संस्था सवेरा एवम् विहान के प्रयास महत्वपूर्ण हैं। राष्ट्रीय सेवा योजना के 40 स्वयसेवकों को ब्रांड एम्बेसडर बनाना जनजागरूकता की दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य डॉ विनोद मोहन मिश्र ने बताया कि एड्स एक संक्रामक रोग है। यह चार कारणों से फैलता है।
जागरुकता,सावधानी और दवाओ के द्धारा इससे बचा जा सकता है। इस अवसर पर स्वयसेवकों को क्षय रोग चिकित्सक डा आशुतोष मिश्र, एडस नियंत्रण समिति के जिला समन्वयक डा चंद्रशेखर यादव, स्वयंसेवी संस्था सवेरा के प्रोग्राम मैनेजर श्री तारकेश्वर सिंह, स्वंयसेवी संस्था विहान के प्रतिनिधि रविकांत राय,कार्यक्रम अधिकारी डा पारस नाथ, डॉ अमित मिश्र, डॉ पूनम भारती आदि ने संबोधित किया।
कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अधिकारी और जिला एड्स नियंत्रण समिति के सदस्य डॉ निगम मौर्य ने किया।
आभार ज्ञापन कार्यक्रम अधिकारी डा जितेन्द्र मिश्र ने किया। जागरुकता रैली को प्राचार्य डॉ विनोद मोहन मिश्र ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर स्वयसेवी संस्था सवेरा की अध्यक्ष मंजू सिंह, समेत बड़ी संख्या में स्वयंसेवक मौजूद रहे।