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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 12 Jul 2024 5:53 PM |   471 views

नेपाल में एक साल में तीसरी बार बदलेगी सरकार, विश्वास मत हार गए प्रचंड

भारत के पड़ोसी देश में राजनीतिक अस्थिरता का दौर लगातार जारी है। नेपाल में पिछले एक साल में  तीसरी बार सरकार बदलने जा रही है। नेपाल में पिछले 13 सालों में 16 सराकारें बन और गिर चुकी हैं। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल संघीय संसद के निचले सदन में विश्वास मत हार गए। दहल विपक्ष में 194 और समर्थन में 63 वोटों के साथ विश्वास प्रस्ताव हार गए। दहल का संसद से राष्ट्रपति कार्यालय जाना तय है। जबकि एक विधायक अनुपस्थित रहे। संसद में कुल 258 सांसद मौजूद थे। 

नेपाल की प्रतिनिधिसभा में कुल 275 सीटें हैं। उसमें नेपाली कांग्रेस की 89 सीटें हैं। सीपीएनयूएमएल के पास 78 सीटें हैं। दोनों मिलाकर 167 सीट होते हैं। बहुमत के लिए केवल 138 सीट चाहिए होते हैं। कहा जा रहा है कि दोनों पार्टियों के बीच जो समझौता हुआ है उसके मुताबिक दोनों चुनाव प्रक्रिया में सुधार के साथ पॉवर शेयरिंग फॉर्मूले का रोडमैप भी तैयार करेंगे।  

विश्वास मत जीतने के लिए संविधान के अनुच्छेद 100 खंड 2 के अनुसार, यदि प्रधानमंत्री जिस पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं वह विभाजित हो जाती है या गठबंधन सरकार का कोई सदस्य समर्थन वापस ले लेता है, तो उन्हें 30 दिनों के भीतर विश्वास मत हासिल करना होता है। 25 दिसंबर, 2022 को शीर्ष कार्यकारी पद संभालने के बाद डेढ़ साल के भीतर 69 वर्षीय प्रधान मंत्री प्रचंड के लिए यह पांचवां विश्वास मत होगा। उन्हें 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में कम से कम 138 वोटों की आवश्यकता है। 

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