नेता चुनना सिखलाना
कुडा -कचड़ा में बिखरा हुआ दाना
चुगना सिखलाती है।
तुम वैसे ही अपने बच्चों को
नेता चुनना सिखलाना
बिखरे पुष्ट दानों को देखते ही लालायित मत हो जाना,
पाने के लिए।
बिना सोचे समझे दौड़ मत जाना,
खाने के लिए।
फँसाया जा सकता है तुम्हें जाल में
पकड़कर गुलाम बनाया जा सकता है।
और, मारा भी जा सकता है तुम्हें,
जान से।
दाता के भेष में छुपे शिकारियों की पहचान बताना।
नेता चुनना सिखलाना।
जैसे सड़ा-गला भोजन खाने से
खराब हो जाता है हाज़मा।
वैसे ही बुरा नेता चुन जाने से
खराब हो जाता है सदन का माहौल।
और,घर,गांव,समाज,राष्ट्र की हालात
संतानों को हर पहलू से अवगत कराना।
नेता चुनना सिखलाना।
जैसे अपना पेट भर जाने पर
मैना छोड़ देती है दाना
कौआ, गौरैया आदि दूसरे खगों और गिलहरियों के लिए।
संचय नहीं करती कुछ भी,
खुद के लिए,
या अपने कुल, वंश, परिवार के लिए
बच्चों को समरसता का पाठ पढ़ाना
नेता चुनना सिखलाना
जैसे तारों ने चुना है अपना नायक
प्रज्वलित भास्कर को
जो दीप्त करता है असंख्य पिंडों को
आलोकित करता है चंदा ,पृथ्वी, मंगल, बुध आदि,ग्रह, उपग्रह, पिंड सभी को
स्वयं उगना और दूसरों को उगाना
इनसे राब्ता रखना
बच्चों को बताना
नेता चुनना सिखलाना
( पुष्प रंजन , बिहार )
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