महर्षि वेदव्यास की जन्मस्थली जालौन दर्शकों को विभिन्न रोमांचक गतिविधियांे के साक्षी होने का देगा अवसर
लखनऊ: महाभारत जैसे महान ग्रंथों और समाज के नैतिक मूल्यों एवं आदर्शों की स्थापना के लिए तपस्या करने वाले साहित्य-दर्शन के प्रणेता वेदव्यास की जन्मस्थली जालौन में बुंदेलखंड गौरव महोत्सव पहुंच चुका है। शायद यह पहला मौका होगा, जब पर्यटकों को आकाश की ऊंचाइयों से इस पावन धरा के दर्शन का अवसर प्राप्त होगा। हॉट एयर बैलून के माध्यम से सामान्य लोग इसका आनंद ले सकेंगे |
झांसी और ललितपुर के बाद जालौन पहुंचे बुंदेलखंड गौरव महोत्सव में रोमांच, योग-ध्यान और ज्ञान का अनूठा संगम देखने को मिलेगा। यहां 01 फरवरी को हॉट एयर बैलून, योग, हेरिटेज वाक, टेथर्ड फ्लाइट्स, फायर क्रेकर शो के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लेने का मौका मिलेगा।
यह जानकारी आज यहां प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड गौरव महोत्सव के अंतरगत आयोजित होने वाली हैरिटेज वॉक के दौरान लोगों को वेदव्यास मंदिर के बारे में करीब से जानने का मौका मिलेगा। साथ ही वहां पर भगवान गणेश की आकृति वाले नीम के पेड़ से जुड़ी आस्था के बारे में जानकारी मिलेगी।
उन्होंने बताया कि बेतवा के तट पर बने इस मंदिर की आसपास के क्षेत्र में बहुत सी मान्यताएं है। महोत्सव में दोनों दिन राजकीय इंटर कालेज मैदान में सुबह 6.30 बजे से हॉट एयर बैलून, इंदिरा स्टेडियम में 7.30 बजे से 8.30 बजे तक योग, 09.30 से 10.30 बजे तक हेरिटेज वॉक कालपी, शाम 06.30 से रात 8.30 बजे तक राजकीय इंटर कालेज मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रम और राजकीय इंटर कालेज मैदान में ही शाम 06.30 से 7.30 बजे तक टेथर्ड फ्लाइट्स होगा।
इतना ही नहीं शाम को यादगार बनाने के लिए फायर क्रैकर्स शो भी आयोजित किया जाएगा। इसके साथ ही राई लोक नृत्य और गायन, उप्र का नृत्य, लोकप्रिय गायन होगा। आखिर में बधावा लोक नृत्य, फूलों की होली और लोकप्रिय गायन होगा।
जयवीर सिंह ने बताया कि इस भव्य महोत्सव की शुरुआत झांसी से हुई है, वहां 23 से 25 जनवरी और देवघर-ललितपुर में 28 जनवरी से 29 जनवरी 2024 तक भव्य आयोजन हो चुका है। हमीरपुर में 5 फ़रवरी से 6 फ़रवरी 2024 तक, महोबा में 9 फ़रवरी से 10 फ़रवरी तक, चित्रकूट में 13 फ़रवरी से 14 फ़रवरी 2024 तक और इस उत्सव का समापन कलिंजर बांदा में होगा, कलिंजर बांदा में 16 फ़रवरी से शुरू होकर 18 फ़रवरी 2024 को आधिकारिक तौर पर इसका समापन किया जाएगा।
इस उत्सव का लक्ष्य कम ज्ञात ऐतिहासिक क्षेत्रों, इसकी सांस्कृतिक विचित्रताओं, गुंबददार विरासत को बढ़ावा देना और आगंतुकों को इस क्षेत्र की कम ज्ञात उप संस्कृतियों और मौखिक इतिहासों का एक विस्तृत अनुभव इत्यादि प्रदान करना है। इसके माध्यम से बुंदेलखंड के इतिहास जन-जन तक पहुंच सकेगा।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि बुंदेलखंड गौरव महोत्सव अब इस क्षेत्र के विभिन्न शहरों-जालौन, हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट और कालिंजर बांदा में जारी रहेगा। प्रत्येक गंतव्य अपने अनूठे आकर्षण को प्रस्तुत करेगा, जिसमें ऐतिहासिक स्थलों, पारंपरिक कला रूपों, स्वादिष्ट व्यंजनों और अनूठे अन्दाज़ में स्वागत से आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर देगा।
महोत्सव स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों और कलाकारों के लिए अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने, बुंदेलखंड की सांस्कृतिक विरासत में योगदान और उसको बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि एक पर्यटक के आने से छह लोगों को रोजगार मिलता है। बुन्देलखण्ड गौरव महोत्सव से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के साधन भी सृजित होंगे।