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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 29 Jan 2024 6:28 PM |   551 views

25वां भारत रंग महोत्सव, एक फरवरी से

नई दिल्ली। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) ने आज दुनिया के सबसे बड़े थिएटर फेस्टिवल, भारत रंग महोत्सव (बीआरएम) के 25वें वर्ष की घोषणा की। यह कार्यक्रम 1 फरवरी से 21 फरवरी, 2024 तक होने वाला है। देश के 15 शहरों में फैले इस 21 दिवसीय थिएटर फेस्टिवल में 150 से अधिक प्रदर्शन, कार्यशालाएं, चर्चाएं और मास्टरक्लास शामिल होंगे।

इस वर्ष भारत रंग महोत्सव की 25वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। इस प्रेस वार्ता को एनएसडी सोसाइटी के अध्यक्ष परेश रावल, भारंगम के रंगदूत पंकज त्रिपाठी, एनएसडी निदेशक चितरंजन त्रिपाठी, सुश्री वाणी त्रिपाठी, एनएसडी के कुल सचिव ने संबोधित किया ।

इस वर्ष का भारंगम के लिए “वसुधैव कुटुंबकम-वंदे भारंगम” को टैग लाईन बनाया गया है। यह रंगमंच के माध्यम से वैश्विक एकता को बढ़ावा देने, सामाजिक सद्भाव को समृद्धि प्रदान करने के उद्देश्य का प्रतिरूप है। इसा प्रदर्शन कला के माध्यम से विविध संस्कृतियों को एक साथ लाते हुए, एक साझा वैश्विक परिवार की भावना पैदा करने का उध्येश्य केंद्रित है।

इस वर्ष भारत रंग महोत्सव का शुभारंभ 1 फरवरी, 2024 को मुंबई में नेशनल सेंटर फॉर द परफॉर्मिंग आर्ट्स (एनसीपीए) में होगा। महाराष्ट्र के राज्यपाल महामहिम माननीय श्री रमेश बैस, एनएसडी अध्यक्ष परेश रावल के साथ इसका आधिकारिक तौर पर उद्घाटन करेंगे। समारोह उद्घाटन के बाद आशुतोष राणा द्वारा अभिनीत भव्य नाटक “हमारे राम’ का मंचन किया जाएगा।

एनएसडी के निदेशक चितरंजन त्रिपाठी ने कहा, हम भारत रंग महोत्सव के 25वें वर्ष की शुरुआत कर रहे हैं, यह वास्तव में एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो कलात्मक उत्कृष्टता और सांस्कृतिक विविधता के प्रति हमारी स्थायी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हम रंगमंच के जादू को बढ़ावा देने, विविध ध्वनियों और जन कथाओं को पनपने के लिए एक विशल मंच प्रदान करने के लिए समर्पित हैं।

इस वर्ष का उत्सव न केवल एक मील का पत्थर साबित होगा बल्कि प्रदर्शन कलाओं की परिवर्तनकारी शक्ति में हमारे दृढ़ विश्वास की पुष्टि भी करेगा।” आगे उन्होंने कहा इस उत्सव का 25वां वर्ष विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह रंगमंच के जादयी उत्सव में विविध नाटकीय आवाज़ों को एक साथ लाता है। महोत्सव में दर्शक अंतरराष्ट्रीय प्रस्तुतियों, लोक और पारंपरिक नाटकों, आधुनिक नाटकों, स्नातक शो-केस और कॉलेजिएट नुक्कड़ नाटकों सहित कई नाटकीय रूपों की एक मनोरम शृंखला की प्रस्तुति होने जा रही है। महोत्सव मुंबई, पुणे, भुज, विजयवाड़ा, जोधपुर, डिब्रूगढ़, भुवनेश्वर, पटना, रामनगर, श्रीनगर, वाराणसी, बेंगलूरू, गंगटोक और अगरतला के साथ दिल्ली में आयोजित किया जाएगा, जिससे थिएटर की परिवर्तनकारी शक्ति का राष्ट्रव्यापी उत्सव सुनिश्चित होगा।

महोत्सव में एक अभिनव कदम के रूप में इस वर्ष ‘रंग हाट’ भी शुरू किया है, जो एक वार्षिक पहल है, जिसका उद्देश्य एशिया में वैश्विक थिएटर बाजार की स्थापना करना और नाटकीय क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है। रंग हाट थिएटर प्रोग्रामरों, संरक्षकों और समर्थकों को एकजुट करेगा, छिपी हुई प्रतिभा की खोज को बढ़ावा देगा, अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं का प्रदर्शन करेगा और रचनात्मक तथा वित्तीय साझेदारी दोनों के मध्य सुविधाजनक समन्वय बनाएगा।

प्रतिभागियों को व्यापक दर्शकों के संपर्क में आने, संभावित सहयोगी उद्यमों को बढ़ावा देने और वैश्विक थिएटर परिदृश्य में गतिशीलता लाने का मौका मिलेगा। आयोजन में कई समानांतर प्रदर्शनियाँ, निर्देशक-दर्शक संवाद, चर्चाएँ और सेमिनार थिएटर के विभिन्न पहलुओं को उजागर सार्थक और अंतर्दृष्टि को बढ़ावा देने में सफल होगा।

उपस्थित लोग अनुभवी कलाकारों के साथ मास्टरक्लास में भाग ले सकते हैं, जीवत रंग हाट में डूब सकते हैं, और फूड बाज़ार में विविध व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं।

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