धानेपुर के बेलगाम सिपाही ने दी धमकी,दो रुपये नहीं तो कर दूंगा बर्बाद
गोंडा- जिले के धानेपुर थाने पर तैनात एक बेलगाम सिपाही ने घरेलू विवाद में पहले तो एक गरीब व दलित युवक से दो हजार रुपए देने का दबाव बनाया व उससे 1000 रुपए थाने में रहे एक रसोईये के मोबाइल पर जबरन डलवा भी लिये,फिर किसी से न कहने की बात कहते हुये उसकी जिंदगी बरबाद करने की धमकी भी दे डाली।
इससे आहत पीड़ित युवक ने एसपी व गोंडा पुलिस के एक्स पर शिकायती पत्र के साथ आनलाईन किये गये रुपए की स्क्रीनशॉट भेजते हुए बेलगाम सिपाही पर लगाम लगाने व उस पर कार्रवाई की मांग की है। जिस पर वहां से उसे न्याय का आश्वासन भी मिला है। बता दें कि,जहां नवागत पुलिस कप्तान विनीत जायसवाल द्वारा जिले की पुलिसिंग में भ्रष्टाचार रोकने व पुलिस को पीड़ितों का सच्चा हमदर्द बनाने का भगीरथी प्रयास किया जा रहा है वहीं इस बोलगाम व भ्रष्ट सिपाही द्वारा उनके इन प्रयासों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
धानेपुर थानाक्षेत्र के बल्दूपुरवा, बनगाई मौजे के रहने वाले पीड़ित प्रेम प्रकाश प्रेम प्रकाश पुत्र सियाराम ने एसपी व गोंडा पुलिस के एक्स हैंडल पर डाले गये अपने शिकायती पत्र में बताया कि, धानेपुर थाने पर तौनात हेड कांस्टेबिल अविनेश कुमार पाण्डेय द्वारा उसके बड़े भाई अमरजीत व उनकी पत्नी में हुये विवाद के बाद मुकदमा दर्ज हुआ था लेकिन बाद में दोनो में सुलह भी हो गई थी तथा दोनो एक साथ भी रह रहे हैं। बावजूद इसके सिपाही अविनेश कुमार पाण्डेय द्वारा उसको थाने पर बुलाया गया और प्रार्थी से मुकदमे के सम्बन्ध में 2000 रूपये की मांग करने लगे, और प्रार्थी के ऊपर यह दबाव बनाने लगे कि अगर तुमने रूपये का भुगतान नहीं किया तो हम तुमको बन्द कर देंगे और यह कहते हुये उसको थाने पर बैठाये रखा।
पीड़ित द्वारा बेलगाम व भ्रष्ट सिपाही से विनती व मिन्नतें की, मगर वह एक नहीं माना और रूपये देने की जिद पर अड़ा रहा। इसी के साथ सिपाही ने पीड़ित को थाने के प्राइवेट भण्डारी सरोज आजाद का गूगल पे नम्बर दिया, जिसका नम्बर-9670532726 है, और दबाव बनाया कि तुम इस पर फिलहाल 1000 रूपये का भुगतान कराओ। पीड़ित ने इधर-उधर से किसी तरह बन्दोबस्त करवाकर उस नम्बर पर 1000 रूपये का भुगतान कराया। अब वह 4000 रूपये की और मांग कर रहे हैं तथा उसे धमकी दे रहे हैं कि यदि उसने रूपये का भुगतान नहीं किया, तो उसे थाने में बन्द करके उसकी जिन्दगी बरबाद कर देंगे।
अब सवाल यह है कि,ऐसे पुलिस कर्मियों के इन कृत्यों के चलते कैसे लोग पुलिस पर भरोसा कर पायेंगे जब वे रक्षक के बजाय भक्षक की भूमिका में मौजूद हों। वहीं इस संबंध में जब उच्चाधिकारियों से संपर्क का प्रयास किया तो वह उपलब्ध नहीं हो सके।
रिपोर्ट – मनोज मौर्य