बलिदान दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया

उन्होंने कहा कि विश्व इतिहास में ऐसा उदाहरण कहीं नहीं देखने को मिलता जिस प्रकार से गुरु गोविंद सिंह ने स्वयं व अपने पूरे परिवार को धर्म रक्षार्थ बलिदान कर दिया। श्री गुरु गोबिंद सिंह के चार साहिबजादों में दो अन्य चमकौर की जंग में शहीद हुए थे। गुरु गोबिद सिंह ने अपने दो पुत्रों को स्वयं आशीर्वाद देकर जंग में भेजा था। चमकौर की जंग में 40 सिखों ने हजारों की मुगल फौज से लड़ते हुए अपना बलिदान दिया। 6 दिसंबर, 1705 को हुई इस जंग में बाबा अजीत सिंह (17) व बाबा जुझार सिंह (14) ने धर्म के लिए बलिदान दिया था।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित राजेश कुमार (वरिष्ठ फिजिशियन जिला चिकित्सालय गोरखपुर) को सितंबर माह में फैली डेंगू महामारी में उत्कृष्ट कार्य व सहयोग हेतु विद्यालय परिवार द्वारा सम्मानित किया गया।
भैया बहनों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस विद्यालय में आकर मेरे बचपन की यादें ताजा हो गई। जीवन में सफल होने के लिए लक्ष्य निर्धारण करना और उसके लिए निरंतर प्रयास करते रहना जरूरी है। हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। उन्होंने स्वामी विवेकानंद जी का उदाहरण देते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था की उठो जागो और लक्ष्य की प्राप्ति तक रुको नहीं। अंत में उन्होंने भैया बहनों के स्वास्थ्य की मंगल कामना करते हुए अपनी बात को विराम दिया।

अतिथियों का परिचय विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेश सिंह ने कराया | कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य निर्मल यादव ने किया |

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