सीडीओ ने किया बकरीपालन, प्रशिक्षण केन्द्र तथा निर्माणाधीन वेटनरी पाली- क्लीनिक का निरीक्षण

निरीक्षण के दौरान पाया गया कि फार्म में कोटा, गुजरी, बरबरी, जमुनापारी, ब्लैक बंगाल एवं कश्मीरी प्रजाति के नर बकरे एवं मादा बकरियाँ पाली गयी है, जिनकी संख्या लगभग 300 है। बकरियों के आहार हेतु भूसा दाना एवं ढेंचा को उपयोग में लाया जाता है। कुछ बकरियों का दुग्ध उत्पादन 2.5 से 3 लीटर प्रतिदिन बताया गया। बकरी पालन में किड मैनेजमेन्ट में ई-कोलाई (बकरी के बच्चों) का प्रबन्धन, पी०पी०आर० टीकाकरण, वेन्टिलेशन युक्त आवास, नस्ल की गुणवत्ता का प्रबन्धन, पोषण युक्त आहार एवं सैनिटेशन प्रमुख बिन्दु है, जिस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
इनके द्वारा फार्म का संचालन मुख्यतः प्रजनन हेतु किया जाता है तथा प्रजनन योग्य नर एवं मादा बकरियों की बिक्री की जाती हैं। इनके द्वारा अपने अनुभव के आधार पर यह भी बताया गया कि बकरी पालन में मादा गर्भित बकरी तथा एक माह तक के नवजात की विशेष देखरेख एवं पोषण की आवश्यकता होती है। इनके फार्म पर लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
मुख्य विकास अधिकारी ने मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि जनपद के प्रशिक्षुओं की सूची लेकर उन्हें एन०एल०एम० योजना से लाभान्वित कराया जाये ।
फार्म के संचालक सलाउद्दीन खान इंजीनियरिंग करने के उपरान्त प्राईवेट नौकरी छोड़कर पिछले 06 वर्षों से बकरी पालन का कार्य कर रहे है। इन्होनें अपना व्यवसाय 10 बकरियों से शुरू कर के आज 300 बकरियों तक पहुंचा दिया है, बकरी विपणन में कही कोई समस्या नहीं है, जिससे सालाना नेट प्रॉफिट लगभग 10 से 15 लाख रूपये होती है। केन्द्र से बकरियों की बिक्री पड़ोसी राज्यों में भी की जाती है। निःसन्देह सलाउद्दीन खान युवाओं हेतु रोल माडल है तथा जनपद के युवाओं को उनसे स्वरोजगार हेतु प्रेरणा लेनी चाहिए।
इसके उपरांत मुख्य विकास अधिकारी ने पशु चिकित्सालय देवरिया सदर परिसर में निर्माणाधीन वेटनरी पाली- क्लिनिक का निरीक्षण किया। निर्माण कार्य लगभग 60 प्रतिशत तक हो गया है। एक हिस्से में छत की ढ़लाई चल रही थी। उन्होंने कार्यदायी संस्था को निर्देशित किया कि निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण करें तथा मानक एवं गुणवत्ता में कोई कमी न किया जाए ।
परिसर में राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजनान्तर्गत चयनित पैरावेट एवं मैत्री का प्रशिक्षण कार्य चल रहा था, जिसमें देवरिया सदर एवं रूद्रपुर तहसील के लगभग 36 पैरावेट / मैत्री उपस्थित थे। सभी के द्वारा भारत पशुधनऐप डाउनलोड किया जा चुका है। सभी को निर्देशित किया गया कि शासन द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्य करते हुए ससमय लक्ष्य पूर्ति सुनिश्चित करें।
निरीक्षण के समय सलाउद्दीन खान संचालक एस०आर०के० गोट फार्म, डा० ए०के० वैश्य, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी- देवरिया, डा० अशोक कुमार त्रिपाठी, पशु चिकित्सा अधिकारी-रामपुर कारखाना, डा० राजीव प्रजापति, पशु चिकित्सा अधिकारी – पथरदेवा उपस्थित थे।
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