Monday 6th of October 2025 12:55:08 AM

Breaking News
  • दार्जिलिंग में भारी बारिश भू स्खलन का कहर ,पुल टूटा-रास्ते बंद |
  • बिहार विधानसभा चुनाव 22 नवम्बर से पहले ,CEC ने EVM सहित कई नियमों में किए बड़े बदलाव |
  • रेड रोड पर पूजा कार्निवल के लिए विशेष सेवाएं संचालित करेगी कोलकाता मेट्रो |
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 15 Oct 2023 5:26 PM |   284 views

प्रकृति से जुड़े आप सभी – ई .ओम शंकर मौर्य

गोरखपुर -अल्युमिनियम फैक्ट्री , बशारतपुर गोरखपुर में अंतराष्ट्रीय प्राकृतिक आपदा दिवस पर  गोष्टी आयोजित की गई ,जिसमें मुख्य वक्ता इंजीनियर ओम शंकर मौर्य ने कहा कि 90% आपदाओं का मूल कारण ग्लोबल वार्मिंग है |
 
जिसमें बाढ़,जंगल की आग, भूस्खलन, तूफान , सूखा इत्यादि है ,10% भूकंप ,ज्वालामुखी, एवं सुनामी आदि है। इससे बचाव के लिए उन्होंने कहा कि गर्मी के प्रभाव से बचने के लिए  अत्याधुनिक साधनों का प्रयोग कम किया जाए। कोयला, डीजल ,पेट्रोल से चलने वाले उपकरणों का प्रयोग कम से कम करें।
 
सोलर ,वायु, जल विद्युत  अर्थात अक्षय ऊर्जा का प्रयोग अधिक से अधिक करें ।बिल्डिंग, पुल ,रोड आदि को भूकंपरोधी बनाएं एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव कम हो सके ऐसा टेक्नोलॉजी का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिए 2030 तक कुछ लक्ष्य रखे गए हैं जिसमें टोटल विद्युत उत्पादन का 50% अक्षय  ऊर्जा का उत्पादन करेंगे|
 
कार्बन का उत्सर्जन 2005 के स्तर से 45% कम करेंगे ,एक बिलियन टन कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए वनीकरण की कार्रवाई  आदि लक्ष्य सरकार द्वारा रखे गए हैं जो हम सबको मिल करके पूरा करना है। अत्यधिक गर्मी से यू के में रेल ट्रैक, सिगनल, रोड की कार्पेंटिंग भी पिघल गई इन घटनाओं से हमें सीख लेने की आवश्यकता है। यह यहां पर भी घटित हो सकता है ग्लोबल वार्मिंग जिस तेजी से बढ़ रही है इस पर सेक्रेटरी जनरल यूनाइटेड नेशन ने बोला है कि हम ग्लोबल वार्मिंग से ग्लोबल ब्वायलिग की तरफ बढ़ रहे हैं। इसको हमें हर हालत में कम करना पड़ेगा ।
 
उन्होंने कहा कि प्रकृति से छेड़छाड़ ना करें, बहुत आवश्यक हो तभी पेड़ -पौधों को काटा जाए एवं काटने से पहले एक पेड़ के बदले 10 पेड़ लगाया जाए। इसके लिए हमें जगह-जगह स्कूल ,कॉलेज, कॉलोनी, चौराहों पर कार्यक्रम के माध्यम से नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को जागरूक करना होगा ,सचेत करना होगा ,तभी परिवर्तन संभव है ।
 
यह खुशी की बात है किआज हम पेड़ लगाने का रिकॉर्ड बना रहे हैं। लेकिन लगाने के बाद कितना पेड़ बचा इस पर ध्यान नहीं देते हैं।इसको हमें सचेत होकर के देखना पड़ेगा। व्यक्तिगत कार्य से प्रकृति के साथ छेड़छाड़ ना करें जहां तक हो सके प्रकृति के साथ समझौता करके रहें। अधिक से अधिक मोटे अनाज का पैदावार करें एवं लोगों को इसका उपयोग  करने के लिए जागरूक करें | जिससे हमारा स्वास्थ्य भी सही रहेगा एवं पानी की भी बचत होगी।
 
कार्यक्रम में समाज के प्रबुद्ध  लोगों ने भी अपने-अपने विचार रखें। जिसमें मुख्य रूप से प्रोफेसर जे बी राय, प्रोफेसर आलोक राय, एम पी शुक्ला, एम एस पांडे, ए के राय, इंजीनियर ए के सिंह ,जवाहरलाल, पी के मिश्रा ,इंजीनियर अभिषेक सिंह, शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव ,विवेक गुप्ता इंजीनियर एस एन मौर्य,डॉक्टर कृष्णानंद मौर्य आदि लोग उपस्थित रहे।
Facebook Comments