आक्रोशित संतो को मनाने के लिए जिला प्रशासन ने संत समाज के साथ की बैठक
अयोध्या -राम नगरी में चल रहे विकास कार्यों के मद्दे नजर मठ मंदिर और ग्रहस्त आश्रमों के जमीन लिए जाने के बाद आक्रोशित संतो को मनाने जिला प्रशासन ने राम कथा संग्रहालय में संत समाज के साथ बैठक किया। इस बैठक में रामनगरी के सभी प्रमुख मठ मंदिरों के संत और महंत शामिल हुए। रामनगरी के सरयू नदी किनारे अधिकांश क्षेत्र को जिला प्रशासन द्वारा डूब क्षेत्र घोषित करने के बाद नजूल विभाग ने मठ मंदिर आश्रम और गृहस्थो को नोटिस दिए था जिसको लेकर अयोध्या के लोगो में और संत समाज में आक्रोश था।
राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के आवास पर एक दिन पूर्व बैठक कर संतों ने आंदोलन की चेतावनी दी थी। मुख्यमंत्री के करीबी कई संत विरोध में सामिल हुए थे। संतो के आक्रोश के बाद जिला अधिकारी ने संतों के साथ बैठक किया। जिलाधिकारी अयोध्या नितीश कुमार ने बताया कि रामपथ,भक्ति पथ और जन्मभूमि पथ पर जो भी जमीन ली गई है उसको वार्ता के बाद ही संतुष्ट करके ही ली गई है। विकास कार्यों को लेकर संतो को पहले ही अवगत करवाया था।
बैठक के बाद निर्णय हुआ की संतो के शिकायत पर एक टीम बनाकर सर्वेक्षण किया जाए। संतो को संतुष्ट करते हुए विधि संवत कार्यवाही की जाएगी। वही महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने कहा की संत महंत ने जो जमीन खरीदी वह सभी सरकारी अभिलेख में दर्ज है। जिलाधिकारी से मांग है की महात्माओं की अपेक्षा नहीं की जाए सभी को आश्वश्त किया जाए।
मुख्यमंत्री ने भी आश्वासन दिया था की कोई कार्यवाही नहीं की जायेगी।बनारस में प्रधानमंत्री ने लोगों को दिया इतना पैसा की वहां सभी लोग प्रश्न है।अगर जरूरत पड़ी तो प्रधानमंत्री से भी करेंगे वार्ता।