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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 21 Aug 2023 6:16 PM |   900 views

दुनिया की समृद्ध और ताकतवर भाषा है भोजपुरी – नरसिंह

देवरिया -कल देर शाम तक पंडित ठाकुर चौबे संगीताश्रम एवं सुमित्रा देवी ललित कला एकेडमी  पुरवा, देवरिया संगीताश्रम में काव्य गोष्ठी और परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया |गोष्ठी की अध्यक्षता डॉ अनिल कुमार त्रिपाठी मंत्री ने किया| मंच का संचालन विकास तिवारी “विक्की” ने किया।
 
भोजपुरी पुनर्जागरण मंच के संयोजक नरसिंह ने अपने संबोधन में कहा कि मातृभाषा भोजपुरी दुनिया की समृद्ध और ताकतवर भाषा है। हमलोग ही इसके ताकत को नहीं समझ पा रहे हैं।अब समय आ गया है इसके ताकत को पहचानिये।इसको संविधान में सम्मान दिलाने के लिए सभी भेदभाव से उपर उठकर एक जुट होवें ।अगली कतार में जो खड़े होकर आगे बढ़ते हैं, इतिहास उनको याद रखता है। इस अवसर पर संयोजक भोजपुरी  पुनर्जागरण मंच द्वारा कविता पढा गया।
 
भोजपुर क भाषा हंवे भोजपुरी,
एके बोलल बा जरूरी।
भोजपुरी हमर शान हवे।
हमनी क पहिचान हंवे।
इ भाषा त बड़ा अनमोल हवे।
पुरनियन क थाती हवे।
इ कब्बो ना रूकी,
कब्बो ना झुकी,ना थाकी।
बस आगे ही बढत रही।
हरदम ई आबाद रहल बा,
हरदम ई आबाद रही।
भोजपुरी जिन्दा बाद रही।
 
काव्य गोष्ठी की शुरुआत छेदी प्रसाद गुप्त” विवश” के सरस्वती वंदना – आजु हंस पर सवार होके आव मईया से हुई तो गीतकार दयाशंकर कुशवाहा ने गांव के शहरीकरण पर चिंता जताते हुए अपनी रचना- कहां है अब वह प्यारा गांव? सुनाया|
 
तो  वहीँइंद्र कुमार दीक्षित की रचना – हार कर मत बैठ जाना ओ मुसाफिर,एक नई मंजिल तुझे आवाज देती है, को खूब सराहना मिली इसके बाद गीतकार रमेश तिवारी ने – गांव हमारा नदी किनारे। गीत के माध्यम से अपना परिचय सुनाया तो वही कौशल किशोर मणि ने – ए देखो बरसात का मौसम छम बरसे पानी सुनाया तो गीतकार सरोज कुमार पांडेय की प्रस्तुति – है हम अद्भुत, हमारे सोचने के ढंग निराले हैं। को सुनकर लोग भाव विभोर हो गए फिर गीतकार महेंद्र प्रसाद गौड़ ने जीवन के यथार्थ को बताते हुए- हे मन के पंछी रे जाना किधर तुमको।
 
सुनाया तो छेदी प्रसाद गुप्त विवश की कजरी – गजल आधी रात बदरवा,पिया मोरे नाही अइले ना। को खूब सराहना मिली तो विकास तिवारी विक्की की रचना – कर ताज के तईयारी अब उ दिन दूर नइखे, माटी भोजपुरी के अब मजबूर नइखे सुनाया इसके बाद अध्यक्षता कर रहे डॉ अनिल त्रिपाठी ने कहा कि अपने शहर में होने वाली तीन तीन काव्य गोष्ठी हैं काव्य जगत की अच्छी पहल हैँ इस पुनीत कार्य के लिए संगीताश्रम परिवार को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं। 
 
उक्त  अवसर पर रमेश तिवारी, मनोज कुमार पाण्डेय,दयाशंकर कुशवाहा, रजनीशज,इंद्र कुमार दीक्षित,अनिल कुमार त्रिपाठी, छेदी प्रसाद गुप्त, छत्तर प्रसाद, नरसिंह सिंह,कौशल किशोर मणि,सचिन यादव, कृष्णा यादव और वीरा के अलावा और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे| 
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