नव नालन्दा महाविहार सम विश्वविद्यालय, नालन्दा व अखिल भारतीय इतिहास- संकलन योजना के बीच सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर

अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय संगठन सचिव डॉ. बालमुकुंद पाण्डेय ने इस अवसर पर कहा कि इतिहास में व्याप्त दृष्टिरोध को इस तरह सहयोग करके दूर किया जाएगा।
भारतीय इतिहास को गलत तरीक़े से समझने को विरत कर सही भारतीयता के साथ उसको जाना जाएगा। हड़प्पा व अन्य स्थलों की खुदाई से जो प्राचीनता का उचित परिप्रेक्ष्य आता है , वह जन मानस के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। वाद से नई दृष्टि आती है, विवाद से नहीं।
‘वादे -वादे जायते तत्त्व बोध:’। नव नालंदा महाविहार के साथ इतिहास संकलन योजना का पुराना सम्बन्ध है। आज इसका ‘सम्बंधीकरण ‘ हुआ है।
नव नालंदा महविहार के कुलपति प्रो. वैद्यनाथ लाभ ने कहा कि हम लगातार विकास कर रहे हैं। हमने इस बीच अनेक संस्थाओं से शैक्षिक- सांस्कृतिक समझौते किए हैं। यह हमारी दृष्टि का विस्तार है। भाषा, संस्कृति, इतिहास, दर्शन , विविध अध्ययनों में इस समझौते से पारस्परिक लाभ मिलेगा।
इस अवसर पर रजिस्ट्रार डॉ. सुनील सिन्हा , नव नालंदा महाविहार के आचार्य तथा गैर शैक्षणिक स्टाफ के लोग उपस्थित थे।
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