Saturday 8th of November 2025 04:36:24 AM

Breaking News
  • बीजेपी ने बड़ी संख्या में वोटरों को बिहार भेजा ,वोट चोरी पर Aap के 3 बड़े खुलासे |
  • प्रियंका गाँधी की CEC ज्ञानेश कुमार को सीधी चेतावनी-शांति से सेवानिवृत्त नहीं होंगे आप |
  • भारतीय हॉकी के 100साल पूरे :मंडाविया बोले -देश को ओलम्पिक में मिली पहचान|
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 28 Sep 2022 5:17 PM |   496 views

मातृशक्ति प्रतिमाओं पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया

कुशीनगर -प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2020 में शारदीय नवरात्रि के शुभ अवसर पर महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलंबन हेतु मिशन शक्ति का शुभारम्भ किया गया। इसी कड़ी में संग्रहालय द्वारा भी मिशन शक्ति के अन्तर्गत नारी सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलंबन पर आधारित कार्यक्रम निरन्तर आयोजित किए जा रहे हैं।
 
आजादी का अमृत महोत्सव एवं मिशन शक्ति विशेष अभियान के अंतर्गत शारदीय नवरात्रि के अवसर पर आज राजकीय बौद्ध संग्रहालय, कुशीनगर द्वारा विविध संग्रहालयों में संग्रहीत मातृशक्ति प्रतिमाओं पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
 
भारत में प्राचीनकाल से ही महिलाओं को अत्यन्त सम्माननीय एवं गरिमामय स्थान प्राप्त रहा है। भारतीय धर्म एवं दर्शन में नारी को शक्ति एवं असीम ऊर्जा का स्रोत माना गया है। नवरात्रि के नौ दिनां में देवी के नौ अलग-अलग शक्ति स्वरूपों की उपासना होती है। देवी साक्षात् जगद्जननी हैं। नारी भी मां के रूप में जननी होती है। मां के रूप में उसने श्रीराम तथा श्रीकृष्ण को जन्म दिया है। भारत में मातृशक्ति और शक्ति पूजन के रूप में देवी पूजन की परम्परा प्राप्त होती है।
 
प्रारंभ में देवी की उपासना माता के रूप में की जाती थी। पुराणों की दुर्गा स्तुतियों में देवी के माता स्वरूप का वर्णन प्राप्त होता है। सृष्टि की निरन्तरता बनाये रखने में योगदान के कारण मातृशक्तियों का पूजन आरंभ हुआ था। देवी पूजन का दूसरा रूप शक्ति पूजन के रूप में प्रकट हुआ। शक्ति पूजन की अवधारणा में विभिन्न देवताओं की शक्ति उनसे सम्बद्ध देवियों की शक्तियों में निहित मानी गयी है।
 
कुषाण काल के बाद मातृका तथा शक्ति-पूजन के बीच समन्वय की स्थापना हुई जो स्पष्टतया सप्त या अष्टमातृकाओं की अवधारणा में दृष्टिगोचर होती है। विभिन्न प्रतिमाओं में मातृकाओें की गोद में शिशु का अंकन कर शक्ति के साथ उनके मातृ पक्ष को भी दर्शाया गया है। प्रदेश के विविध संग्रहालयों में सप्त एवं अष्टमातृका पट्टों सहित महिषासुरमर्दिनी, उमा, पार्वती, गौरी, सरस्वती, लक्ष्मी, वैष्णवी, वाराही, चामुण्डा एवं गंगा व यमुना आदि देवी प्रतिमायें संग्रहीत हैं।
 
इन प्रतिमाओं के छायाचित्रों का प्रदर्शन इस प्रदर्शनी में किया गया है।उक्त अवसर पर तेज प्रताप शुक्ला, गोविन्द, मीरचन्द,वेग,अमित सिंह, विपुल, शैलेश सिंह आदि उपस्थित रहे।
Facebook Comments